सिद्दीकी पर गोलीबारी के बाद शूटर शिवकुमार कपड़े बदल कर पुन: घटनास्थल पर आया था : पुलिस
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में कथित मुख्य शूटर शिवकुमार गौतम 12 अक्टूबर को वारदात को अंजाम देने के बाद 20 मिनट तक घटनास्थल पर मौजूद था। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि गौतम अपने कपड़े बदलने के बाद वापस घटनास्थल पर आ गया था।
अधिकारी ने बताया, ‘‘उसने अपनी कमीज, पिस्तौल और आधार कार्ड वाला बैग मौके पर फेंक दिया था। गोलीबारी के बाद, उसने देखा कि लोग दहशत में थे और बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी वहां आ गए थे तथा पुलिस अपराधियों के बारे में सुराग के लिए आस-पास खड़े लोगों से पूछताछ कर रही थी।’’ अधिकारी ने बताया कि उसने यह भी देखा कि उसके दो साथी घटनास्थल से ही पकड़े गए।
अधिकारी ने बताया कि बाबा की मौत की पुष्टि करने के लिए गौतम ऑटोरिक्शा से लीलावती अस्पताल के पास भी गया था और वह रात 10:47 बजे कुर्ला रेलवे स्टेशन के लिए निकला। ट्रेन में चढ़ने के बाद उसने अपना मोबाइल फोन कहीं फेंक दिया। पुलिस उसका पता लगाने के लिए प्रयासरत थी। गोली लगने के बाद सिद्दीकी को लीलावती अस्पताल ले जाया गया था।
अधिकारी ने यह भी बताया कि पंजाब के एक सीमावर्ती गांव से पकड़े गए एक संदिग्ध की मामले में कोई भूमिका सामने नहीं आने पर उसे छोड़ दिया गया। आरोपियों से पूछताछ के दौरान अपराध शाखा के अधिकारियों को पता चला कि वांछित आरोपी शुभम लोनकर, जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई के सीधे संपर्क में था। उन्होंने बताया कि मुंबई अपराध शाखा को यह भी पता चला कि शुभम लोनकर ने जुलाई में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से लगभग 50 किलोमीटर दूर घने जंगलों में एके-47 राइफल चलाने का प्रशिक्षण लिया था।
अधिकारी ने बताया कि महाकाल जाते समय शुभम लोनकर गिरफ्तार किए गए आरोपियों विलास अपुने और रूपेश मोहोल के साथ ही मौजूद था। कुछ लोगों ने शुभम लोनकर को प्रशिक्षित किया था। उन्होंने कहा, ‘‘हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या शुभम लोनकर ने नक्सलियों से हथियार चलाने का प्रशिक्षण लिया था। लोनकर ने अपुने और मोहोल को प्रशिक्षण के बारे में किसी से चर्चा नहीं करने के लिए चेतावनी दी थी। हमें यह भी जानकारी मिली है कि पुणे का एक पार्षद लॉरेंस बिश्नोई गैंग की ‘हिट लिस्ट’ में था।’’
अधिकारी के अनुसार, बाबा सिद्दीकी हत्या की साजिश में गिरफ्तार आरोपी अनुराग कश्यप और ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने कबाड़ कारोबारी हरीश कुमार को पैसे भेजे थे। उन्होंने कहा, ‘हरीश ने कई अन्य खातों में पैसे ट्रांसफर किए थे और पैसे निकालने के लिए शूटरों को अपना एटीएम कार्ड दिया था।’
बाबा सिद्दीकी (66) की 12 अक्टूबर को मुंबई के बांद्रा इलाके में उनके विधायक बेटे जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के पास तीन बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।