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05 July 2018

SC के फैसले के बाद भी दिल्ली में जंग जारी, सर्विसेज विभाग ने सिसोदिया को वापस भेजी फाइल

दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच अधिकारों को लेकर हो रहे विवाद पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया लेकिन इसके कुछ ही समय के फिर से अधिकारों पर टकराव की बात सामने आ रही है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कहा गया कि दिल्ली सरकार को हर फैसले के लिए उपराज्यपाल की सहमति की आवश्यकता नहीं है लेकिन सर्विसेज विभाग ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा भेजी गई फाइल को वापस लौटा दिया है।

अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, दिल्ली के सर्विसेज डिपार्टमेंट के सचिव ने आप सरकार द्वारा  अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग सम्बन्धी भेजी गई फाइल को कुछ ही घण्टों में पांच पन्नों के नोट के साथ मनीष सिसोदिया को वापस लौटा दिया।

अखबार ने सूत्रों के हवाले से बताया कि नोट में  मई 2015 की गृह मंत्रालय की अधिसूचना की बात लिखी है जिसमें कहा गया है  "गृह मंत्रालय की अधिसूचना राष्ट्रपति के नाम पर है और जब तक कि इसे विशेष रूप से पलटा या रद्द नहीं किया जाता है, यह बरकरार रहेगी।" यानी सेवा विभाग अब भी लेफ्टिनेंट गवर्नर के कार्यालय के साथ बना हुआ है।

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दिल्ली के सर्विसेज विभाग के तर्क के मुताबिक ट्रांसफर पोस्टिंग के अधिकार उपराज्यपाल, मुख्य सचिव, सेक्रेटरी सर्विसेज और सम्बंधित विभाग के सचिव के पास ही रहेंगे।

गौरतलब है कि मई 2015 में केंद्र सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी करके सर्विसेज विभाग दिल्ली सरकार से लेकर केंद्र के अधीन कर दिया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने साफ किया है कि जमीन, पुलिस और कानून व्यवस्था को छोड़ सब विषय दिल्ली की चुनी हुई सरकार के अधिकार क्षेत्र में हैं।

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TAGS: SC judgment, the war continued, Delhi, services department, file, Sisodia
OUTLOOK 05 July, 2018
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