गाजियाबाद मामले में अखिलेश यादव ने सुप्रीम कोर्ट से स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गाजियाबाद में एक हिंदू दक्षिणपंथी संगठन द्वारा रेलवे स्टेशन के पास झुग्गियों में रहने वाले लोगों को बांग्लादेशी घुसपैठिया बताकर उन पर हमला किए जाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा प्रहार करते हुए अदालत से इस मामले में स्वतः संज्ञान लेने का आग्रह किया।
अखिलेश ने शनिवार देर रात ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”कानून हाथ में लेने का अधिकार तो सरकार को भी नहीं है, फिर उनके संगी-साथी गुर्गों को कैसे हो सकता है। इस हिंसक मामले में माननीय न्यायालय से स्वतः संज्ञान लेने का आग्रह है।”
सपा प्रमुख ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, ”आशंका की शिकायत होनी चाहिए, मनमानी हिंसा नहीं। कहीं यह भी ‘भारतीय जमीन पार्टी’ का कोई खेल तो नहीं, जो जमीन खाली कराने का यह नायाब तरीका निकाल रही है।”
उन्होंने आरोप लगाया, ”ऐसी घटनाओं से उत्तर प्रदेश की छवि खंडित हो रही है। देश की राजधानी के इतने करीब घटे इस कुकृत्य के इस पक्ष की भी जांच हो कि कहीं यह सब आपस में लड़ते दो पक्षों के बीच की लड़ाई का परिणाम तो नहीं है।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने अंदेशा जताया, ”कहीं कोई लखनऊ को यह संदेश तो नहीं दे रहा है कि हमें आपके शासन-प्रशासन पर कोई भरोसा नहीं है और न ही उसका कोई डर है, इसीलिए हम ही आशंका पर आरोप लगाएंगे, हम ही डंडा चलाएंगे।”
अखिलेश ने अपने इस पोस्ट के साथ एक मिनट 16 सेकंड का एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें लाठी-डंडे से लैस कुछ लोगों को गाली-गलौज करते हुए झुग्गियों को उजाड़ते और उसमें रहने वाले लोगों को पीटते देखा जा सकता है।
गाजियाबाद में एक हिंदू दक्षिणपंथी संगठन ने रेलवे स्टेशन के पास झुग्गियों में रहने वाले लोगों को बांग्लादेशी घुसपैठिया बताकर उन पर हमला कर दिया और उनकी झुग्गियों को नष्ट कर दिया। पुलिस ने बताया कि मामले में हिंदू रक्षा दल के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और बादल उर्फ हरिओम सिंह को शनिवार देर रात गिरफ्तार किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि इस घटना के सिलसिले में हमलावर समूह के नेता समेत अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। पुलिस ने दावा किया कि जिन लोगों पर हमला किया गया, वे बांग्लादेशी नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के ही निवासी हैं।