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09 June 2021

कौन है रुपा तिर्की जिसने राजभवन और हेमन्‍त सरकार को लाया आमने-सामने, संदिग्ध मौत के बाद लगातार उठ रहे सवाल

File Photo

रूपा है नहीं, थी। उसकी मौत पर प्रदेश की राजनीति में उबाल रहा। स्थिति यहां तक आ पहुंची कि राजभवन और सरकार में टकराव की हालत दिखी। पुलिस महानिदेशक को बुलाकर राज्‍यपाल को कहना पड़ा कि संदिग्‍ध मौत की सही दिशा में जांच हो। जनजातीय समाज से आने वाली संभावनाओं से लबरेज रूपा, रांची के रातू इलाके के मनुटोली की रहने वाली थी। 2018 बैच की दरोगा थी। साहिबगंज जिला में महिला थाना प्रभारी के रूप में पदस्‍थापित थी। पिछले माह तीन मई को साहिबगंज स्थित सरकारी क्‍वार्टर में उसकी लाश मिली। मौत की तस्‍वीर वायरल हुई, पंखा से लटकते हुए, गले में दो रस्‍सी के निशान, पांव बेड पर मुड़ी हालत में। शरीर पर भी दाग से निशान। रूपा की मां पद्मावती को शक है कि उसकी बेटी की हत्‍या की गई। एसपी को आवेदन देकर जांच कमेटी गठित करने की मांग की। घुटने पर पीटने जैसा निशान बताया पड़ोसी दो महिला दरोगा पर टार्चर करने का आरोप लगाया। यह भी कहा कि दस दिन पहले किसी पंकज मिश्रा को रूपा के पास भेजा था। घटना के चंद घंटे पहले रूपा ने मां को अपने अंतिम कॉल में उसने कहा था कि पानी पीने पर कुछ दवा जैसा लगा।

हेमन्‍त सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा का नाम आते ही मामले का रंग बदल गया। भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने रूपा की हत्‍या की आशंका जाहिर करते हुए सीबीआइ जांच की मांग की। कहा कि हेमन्‍त सोरेन के करीबी को बचाने के लिए पुलिस गलत दिशा में जांच कर रही है। घटना के बाद जिले के एसपी, डीएसपी, सार्जेंट सब रूपा के आवास पहुंचे थे। मगर घटना के अगले दिन चार मई को पुजरावाबाड़ी थाना की पुलिस ने यूडी केस दर्ज किया। खुद एसपी पहली नजर में आत्‍महत्‍या मानते रहे। बात बढ़ी तो एसआइटी गठित हुई। केस दर्ज होने के दो ही दिन बाद छह मई को महिला जांच अधिकारी को हटाकर राजमहल के इंस्‍पेक्‍टर को केस का आइओ बनाया गया। इस दौरान परिवार, अनेक विधायक, विभिन्‍न सामाजिक संगठनों के लोग सड़क पर उतर हत्‍या का शक जाहिर करते हुए सीबीआइ जांच की मांग करने लगे। यहां तक की उसके अंतिम संस्‍कार में सांसद समीर उरांव और कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की भी शामिल हुए। तेज होती राजनीति के बीच दो दिन बाद ही आठ मई को राजमहल के इंस्‍पेक्‍टर को भी आइओ से हटाकर टाउन इंस्‍पेक्‍टर शशिभूषण चौधरी को केस का आइओ बनाया गया। उसके अगले दिन ही केस का रुख थोड़ा बदल गया। नौ मई को रूपा के प्रेमी दरोगा शिवकुमार कनौजिया के एसपी के समक्ष बयान के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया और यूडी केस को हत्‍या के लिए उकसाने के केस के रूप में बदल दिया गया। महीना भी नहीं पूरा हुआ था कि 28 मई को एसआइटी के डीएसपी संजय कुमार का तबादला हो गया। इसके लगभग एक सप्‍ताह के बाद छह जून को रुपा के प्रेमी, दरोगा शिवकुमार कनौजिया के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया किया गया। संतालपरगना की आइजी प्रिया दुबे ने भी कल मंगलवार को मीडिया के समक्ष कहा कि अपने करीबी शिवकुमार कनौतिया की प्रताड़ना से तंग आकर रूपा ने आत्‍महत्‍या कर ली। इधर छह जून को प्रदेश भाजपा अध्‍यक्ष दीपक प्रकाश के नेतृत्‍व में पार्टी के शिष्‍टमंडल ने राज्‍यपाल द्रौपदी मुर्मू को ज्ञापन सौंपकर सीबीआइ जांच की मांग की तो अगले दिन ही सात मई को राज्‍यपाल ने पुलिस महानिदेशक नीरज सिन्‍हा को राजभवन तलब कर लिया और मौत को संदिग्‍ध बताते हुए सही दिशा में जांच का निर्देश दिया। सीएम प्रत्‍यक्षत: इस मामले में खामोश रहे मगर पार्टी के माउथ पीस माने जाने वाले पार्टी महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने गंभीर सवाल उठा दिया, संघीय ढांचे पर प्रहार करार दिया। बात आगे बढ़ती इसके पहले ही मुख्‍यमंत्री ने फाइल मंगाकर बीच का रास्‍ता निकाला और एकल जांच आयोग गठित करते हुए रांची उच्‍च न्‍यायालय के अवकाश प्राप्‍त मुख्‍य न्‍यायाधीश को जांच का जिम्‍मा सौंप दिया। हालांकि सीबीआइ जांच का मसला अभी तक अनुत्‍तरित है। भाजपा सहित अनेक संगठनों की मांग के अतिरिक्‍त हाई कोर्ट में भी सीबीआइ से जांच से संबंधित याचिका लंबित है।

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TAGS: All Know About Rupa Tirkey, Jharkhand
OUTLOOK 09 June, 2021
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