बजट में ‘उपेक्षित’ होने से नाराज NDA के सहयोगी दल TDP ने बुलाई सांसदों की आपात बैठक
साल 2018-19 के लिए केन्द्रीय बजट पेश होने के बाद सियासी गर्मी तो बढ़ी ही साथ-साथ एनडीए की सहयोगी पार्टियों में नाराजगी का दौर भी शुरू हो गया।
इसे लेकर भाजपा के सहयोगी टीडीपी ने अगले 4 फरवरी को पार्टी के सांसदों की एक आपात बैठक बुलाई है ताकि अगला कदम उठाया जा सके।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, टीडीपी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार में सहयोगी टीडीपी, अभी तक गठबंधन तोड़ने के लिए तैयार नहीं है, लेकिन "पार्टी की मजबूत नाराजगी" के बारे में केंद्र को "एहसास" कराना चाहती है।
तेदेपी सुप्रीमो और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्राबाबू नायडू ने कल शाम को कुछ वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बजट की समीक्षा की और पार्टी के सांसदों के साथ टेली कॉन्फ्रेंस किया।
सभी पार्टी नेताओं ने केंद्रीय बजट पर "गंभीर नाराजगी" व्यक्त की, क्योंकि इस बजट में उनके राज्य को कुछ नहीं दिया गया।
कुछ सांसदों ने कथित तौर पर सुझाव दिया था कि वे अपने पदों को विरोध में छोड़ देंगे लेकिन पार्टी के सुप्रीमो ने उन्हें बताया कि रविवार को टीडीपी संसदीय दल की बैठक में सभी चीजों पर चर्चा होगी।
कृषि मंत्री सोमारीडी चंद्रमोहन रेड्डी ने मुख्यमंत्री के साथ बैठक के बाद कहा, " बजट पेश करते हुए जेटली आंध्र प्रदेश को पूरी तरह से भूल गए, हालांकि हमने केंद्र को राज्य के लिए धन पर एक विस्तृत रिपोर्ट दी है।"
सोमेरेड्डी ने कहा, "हम बहुत दुखी हैं कि केंद्र एक अंधे आंख में बदल गया है जबकि आंध्रा प्रदेश को विशेष रूप से देखा जाना चाहिए था। हम केंद्र को अपनी नाराजगी महसूस कराएंगे। अगर हम जवाब देते हैं तो हमें कोई आपत्ति नहीं होगी। यह पिछले चार वर्षों से हो रहा है... यह उचित नहीं है। "