उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का प्रयास सफल नहीं होगा: जयंत चौधरी
रालोद महासचिव जयंत चौधरी ने कहा, हमारी कोशिश होगी कि इस बार भाईचारा नहीं टूटे। हम दोनों समुदायों के बीच प्रचार अभियान चला रहे हैं। हम दोनों समुदायों, जाट एवं मुस्लिम से बातचीत कर रहे हैं। लोगों को इस बात का अहसास है कि उनको बरगलाया गया है। सांप्रदायिक ध्रुवीकरण से दोनों की राजनीतिक शक्ति को नुकसान पहुंचा है। चौधरी ने माना कि साल 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के कारण पिछले लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी को बहुत नुकसान पहुंचा। गौरतलब है कि रालोद की पहले जाट और मुस्लिम दोनों समुदायों में पकड़ थी और उसे दोनों का वोट मिलता था, लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में जाटों का बड़ा हिस्सा भाजपा की तरफ चला गया और रालोद को एक भी सीट नहीं मिली। उन्होंने कहा, मैं मानता हूं कि दंगों का हमें राजनीतिक नुकसान हुआ, लेकिन इससे ज्यादा समाज को नुकसान पहुंचा। अब हम जहां जा रहे हैं वहां देख रहे हैं कि लोग इस बात को महसूस करते हैं। हमारी कोशिश का असर दिख रहा है। दोनों समुदायों के साथ रहने से ही उनकी राजनीतिक हैसियत बढ़ेगी।
जयंत चौधरी ने सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए सपा और भाजपा को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, सब जानते हैं कि मुजफ्फरनगर दंगों का फायदा किसको हुआ। वे ही लोग फिर से इस तरह का माहौल पैदा करना चाहते हैं। सपा ने फायदे की बात सोची थी लेकिन उसको नुकसान हो गया। सबसे बड़ी बात यह कि अखिलेश यादव की छवि को बहुत बड़ा धक्का लगा। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के जो नेता विवादित बयान देते हैं उनको पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का संरक्षण मिला हुआ है। हालांकि, आगामी विधानसभा चुनाव में रालोद के गठबंधन करने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर जयंत चौधरी ने कुछ भी खुलकर कहने से इंकार किया। उन्होंने कहा, हमारी पार्टी की कार्यकारिणी में फैसला हुआ है कि पहले संगठन को मजबूत किया जाएगा। गठबंधन को लेकर कोई बात नहीं हुई है।