पंजाब में 'आप' को तीसरा झटका, फुलका और खैरा के बाद एक और विधायक बलदेव सिंह का इस्तीफा
आम आदमी पार्टी (आप) से नेताओं के रिश्ता तोड़ने का सिलिसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। लोकसभा चुनाव 2019 से पहले पंजाब में 'आप' को लगातार तीसरा झटका लगा है। एचएस फुलका और सुखपाल खैरा के बाद एक और विधायक बलदेव सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। बलदेव सिंह पंजाब के जैतो से विधायक हैं। इससे पहले एचएस फुलका फिर सुखपाल खैरा और अब मास्टर बलदेव सिंह ने पार्टी छोड़ दी है। वे जैतो से विधायक थे और सुखपाल खैरा के करीबी बताए जा रहे हैं।
पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को भेजा इस्तीफा
बलदेव सिंह ने अपना इस्तीफा ई-मेल के जरिए पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को भेजा है। बलदेव सिंह ने कहा, 'आम आदमी पार्टी ने अपने मौलिक विचारों और सिद्धांतों को पूरी तरह छोड़ दिया, जिसके चलते मुझे पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देना पड़ रहा है। मुझे पार्टी छोड़ने का दुख है।'उन्होंने केजरीवाल पर दलित कार्ड इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।
पिछले दिनों सुखपाल खैरा ने ‘आप’ की प्राथमिक सदस्यता से दिया था इस्तीफा
इससे पहले साल की शुरुआत में पंजाब से ही विधायक सुखपाल खैरा ने भी आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। पार्टी से निष्कासित और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद विधायक और नेता सुखपाल खैरा ने नई पार्टी लॉन्च कर केजरीवाल की धार पंजाब में कम कर दी थी।
उन्होंने आम आदमी पार्टी के पांच अन्य विधायकों को भी तोड़ लिया। हाल ही में सभी 6 विधायकों ने मिलकर ‘पंजाबी एकता पार्टी’ नाम से नई पार्टी लांच की। आम आदमी पार्टी से जीत दर्ज करने वाले इन 6 विधायकों के अलग राजनीतिक पार्टी में आने के बाद पंजाब विधानसभा में आम आदमी पार्टी की मुश्किलें बढ़ने की संभावना है।
एच एस फुलका भी छोड़ चुके हैं पार्टी
पंजाब आम आदमी पार्टी के नेता रहे और सिख विरोधी दंगे के वकील हरविंदर सिंह फुलका ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने जानकारी दी थी कि वे अपना इस्ताफी 'आप' चीफ और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सौंप चुके हैं।
ऐसे शुरू हुआ बिखराव
2018 में पंजाब में ऐसा बिखराव शुरू हुआ कि यह बिखरती ही चली गई। पार्टी के सशक्त प्रवक्ता सुखपाल खैहरा को उस समय पार्टी से अलग कर दिया गया, जब आम चुनाव नजदीक है। पार्टी में संकट तब खड़ा हुआ जब सुखपाल खैहरा को विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया गया। इस प्रकरण के बाद सुखपाल खैहरा ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
नवंबर 2018 में खैहरा के साथ अन्य विधायक कंवर संधू को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए निलंबित कर दिया गया। पिछले दिनों खैहरा ने आम आदमी पार्टी को अलविदा कह कर "पंजाबी एकता पार्टी" का गठन कर लिया। आप का बिलकुल बिखराव हो चुका है। खैहरा के साथ 6 विधायक बताए जाते हैं।