भुल्लर को अमृतसर भेजना राजनीतिक कदम
क्यों लाया गया अमृतसर
दिल्ली सरकार द्वारा मामले को मंजूरी प्रदान करने और पंजाब सरकार द्वारा भुल्लर को अमृतसर कारागार में रखने पर सहमत होने के बाद भुल्लर के स्थानांतरण की सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई थी। भुल्लर की पत्नी नवनीत कौर ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए भुल्लर को स्थानांतरित करने की मांग की थी। नवनीत कौर 1994 में अपने ससुराल वालों के साथ कनाडा चल गई थीं और उनका पैत्रिक आवास अमृतसर में है। भुल्लर के लिए जेल और सिविल अस्पताल में सभी जरूरी व्यवस्था कर ली गई है। उसे एक बैरक में रखा जायेगा। जिस पर जेल के विशेष कर्मचारी नजर रखेंगे। जेल के सहायक अधीक्षक को व्यवस्था देखने की जिम्मेदारी दी गई है।
बीमारी और आरोप
भुल्लर के बारे में कहा जाता है कि वह सिजोफ्रीनिया से पीडि़त है और मानसिक रूप से परेशान है। वर्ष 1993 के दिल्ली बम विस्फोट मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद भुल्लर पिछले दो दशकों से जेल में बंद है। उच्चतम न्यायालय ने उसकी मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया है। टाडा अदालत ने 25 अगस्त 2001 को भुल्लर को मौत की सजा सुनाई थी। आम आदमी पार्टी नीत दिल्ली सरकार ने भुल्लर को स्थानांतरित करने के आग्रह को मंजूरी प्रदान कर दी थी।
राजनीति
अखिल भारतीय आतंकवाद निरोधक मोर्चा (एआईएटीएफ) के प्रमुख एमएस बिट्टा ने 1993 के दिल्ली बम धमाके के दोषी देवेंदर पाल भुल्लर को तिहाड़ जेल से अमृतसर की जेल में स्थानांतरित करने पर आज नाराजगी जताई और कहा कि इससे पंजाब में आतंकवाद फिर सिर उठा सकता है। इस विस्फोट के निशाने पर रहे बिट्टा ने कहा कि भुल्लर को 2017 के विधानसभा चुनाव में राजनीतिक लाभ लेने के लक्ष्य से अमृतसर स्थानांतरित किया गया है। इस विस्फोट में भुल्लर को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई थी। बाद में सजा उम्रकैद में तब्दील कर दी गई।
आम आदमी पार्टी भी लाभ लेना चाहती है
बिट्टा ने कांग्रेस नेताओं कपिल सिब्बल और शीला दीक्षित पर निशाना साधा और आरोप लगाया उन्होंने विस्फोट के इस दोषी को बचाने की जी-तोड़ कोशिश की। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी भुल्लर को तिहाड़ से स्थानांतरित करने देने का आरोप लगाया और कहा कि आप नेता पंजाब चुनाव के दौरान वोटों का लाभ चाहते हैं। भुल्लर को बम धमाके के जुर्म में शुरू में मृत्युदंड सुनाया गया था। इस विस्फोट में नौ लोगों की जान चली गई थी और बिट्टा समेत 25 अन्य घायल हुए थे। बिट्टा उस वक्त युवा कांग्रेस अध्यक्ष थे।