बिहार की अंतिम मतदाता सूची में कई गड़बड़ियां, भाजपा की ‘‘बी टीम’’ है निर्वाचन आयोग: कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस ने शनिवार को बिहार की अंतिम मतदाता सूची में कई गड़बड़ियां होने का दावा किया और आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ‘‘बी टीम’’ के रूप में काम करते हुए पूरी तरह से ‘‘निर्लज्जता’’ पर उतारू है तथा एसआईआर की प्रक्रिया का मक़सद भाजपा व उसके मित्र दलों को राजनीतिक लाभ पहुंचाना है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि आयोग को भाजपा की कठपुतली की तरह नहीं दिखना चाहिए।
निर्वाचन आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बाद बिहार की अंतिम मतदाता सूची गत 30 सितंबर को प्रकाशित कर दी, जिसके अनुसार राज्य में कुल 7.42 करोड़ मतदाता हैं।
रमेश ने एक खबर का हवाला देते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘निर्वाचन आयोग ने एसआईआर का पूरा खेल ही भाजपा के इशारे पर रचा है। अंतिम एसआईआर में निर्वाचन आयोग के सुधार के दावे भी गलत साबित हो रहे हैं। बिहार के सभी इलाक़ों से ऐसी खबरें आ रही हैं जो इस बात की पुष्टि करती हैं कि पूरी प्रक्रिया का मक़सद भाजपा व उसके मित्र दलों को राजनीतिक लाभ पहुंचाना है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि एसआईआर प्रक्रिया के बाद अंतिम सूची में भी तमाम गड़बड़ियों के मामले बताते हैं कि निर्वाचन आयोग को उच्चतम न्यायालय के स्पष्ट आदेशों की भी कोई परवाह नहीं है तथा भाजपा की ‘‘बी टीम’’ के रूप में काम कर रहा यह आयोग पूरी तरह से निर्लज्जता पर उतर चुका है।
रमेश ने सवाल किया, ‘‘क्या मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार इसका जवाब देंगे कि एक घर में 247 मतदाता कैसे पाए गए और एक व्यक्ति का नाम एक ही बूथ पर तीन-तीन जगह क्यों है? अंतिम मतदाता सूची में इतनी बड़ी गड़बड़ियां कैसे सामने आ रही हैं? या वह पहले की तरह ही चुप्पी साधे रहेंगे?’’
उन्होंने कहा, ‘‘चिंताजनक बात यह है कि कुछ विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं के नाम कटने की संख्या पिछले चुनावों में जीत के अंतर से अधिक है।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हमने पहले दिन से कहा है कि भारत का निर्वाचन आयोग पूरे देश का है और उसे सत्ताधारी दल की कठपुतली की तरह नहीं दिखना चाहिए।’’