निर्वाचन आयोग पर राहुल की टिप्पणी को लेकर भाजपा की प्रतिक्रिया से ‘अविश्वास’ बढ़ता है: शरद पवार
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को दावा किया कि जब भी कांग्रेस सांसद राहुल गांधी निर्वाचन आयोग की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठाते हैं तो भाजपा नेता नियमित रूप से जवाब देते हैं, जिससे निर्वाचन आयोग पर ‘‘भरोसा’’ कम होता है।
पुणे में पत्रकारों से बातचीत करते हुए शरद पवार ने कहा, 'जब राहुल गांधी या विपक्ष के अन्य नेता चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठाते हैं, तो यह आयोग की जिम्मेदारी है कि वह खुद सामने आकर जवाब दे। लेकिन हो यह रहा है कि आयोग चुप रहता है और भाजपा के नेता प्रतिक्रिया देते हैं। इससे लोगों में यह संदेश जाता है कि आयोग के बजाय सत्ता पक्ष ही उसकी ओर से बोल रहा है।' उन्होंने आगे कहा कि यह तरीका चुनाव आयोग की विश्वसनीयता को कमजोर करता है और जनता के मन में यह शक पैदा करता है कि आयोग निष्पक्ष तरीके से काम कर रहा है या नहीं।
कुछ दिन पहले राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर लोकतंत्र को खत्म करने वालों को बचाने का आरोप लगाया था। राहुल गांधी ने दावा किया कि कर्नाटक और महाराष्ट्र की दो विधानसभा सीटों के आंकड़ों से पता चलता है कि बड़े पैमाने पर मतदाता सूची में हेराफेरी की गई। उनका आरोप था कि कुछ मतदाताओं के नाम गलत तरीके से सूची से हटाए गए और कुछ को धोखाधड़ी के जरिए जोड़ा गया, जिससे चुनाव की निष्पक्षता प्रभावित हुई। कांग्रेस नेता ने इस कार्रवाई को वोट चोरी करार देते हुए कहा कि यह लोकतंत्र पर सीधा हमला है।
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को गलत और निराधार बताया।आयोग की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन वोटर लिस्ट से नाम न तो हटा सकता है और न ही जोड़ सकता है। राहुल गांधी के आरोप तथ्यों पर आधारित नहीं हैं और यह पूरी तरह गलतफहमी है।'