सपा को सिखाएंगे सबक, किसी भी चुनावों में भाजपा से समझौता कबूल नहीं: मायावती
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी कभी भी विधानसभा या लोकसभा चुनावों में भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करेगी। मायावती ने कहा कि दोनों पार्टी की विचारधारा अलग-अलग है। मायावती ने इस बात को भी स्पष्ट कर दिया कि वो भारतीय जनता पार्टी के साथ हाथ नहीं मिलाएंगी। वहीं, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी को वो सबक सिखाएंगी।
मायावती के स्पष्टीकरण ने उनके पिछले हफ्ते के बयान पर उपजे अटकलों पर रोक लगा दिया। पार्टी की तरफ से अपने बयान में कहा गया था कि बीएसपी भाजपा या किसी अन्य पार्टी के उम्मीदवार को वोट देगी, ताकि उत्तर प्रदेश विधान परिषद और राज्यसभा के भविष्य के चुनावों में समाजवादी पार्टी के दावेदारों की हार सुनिश्चित की जा सके।
"पार्टी से मुस्लिमों को अलग करने की सियासी साजिश"
मीडिया के साथ हुई बातचीत में मायावती ने कहा कि उपचुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस हमारी पार्टी के खिलाफ साजिश कर रही है और गलत ढंग से प्रचार कर रही है, ताकि मुस्लिम समाज के लोग बसपा से अलग हो जाएं। बीएसपी सांप्रदायिक पार्टी के साथ समझौता नहीं कर सकती है। हमारी विचारधारा सर्वजन धर्म की है और बीजेपी की विपरीत विचारधारा है। हम कभी इनके साथ गठबंधन नहीं कर सकते हैं।
"मेरे कार्यकाल में कोई हिंदू-मुस्लिम दंगा नहीं हुआ"
पुराने दिनों को याद करते हुए माया ने कहा, यह सभी जानते हैं कि बीएसपी एक विचारधारा और आंदोलन की पार्टी है और जब मैंने बीजेपी के साथ सरकार बनाई तब भी मैंने कभी समझौता नहीं किया। मेरे शासन में कोई हिंदू-मुस्लिम दंगा नहीं हुआ। इतिहास इसका गवाह है। बीएसपी ने विपरीत परिस्थितियों में जब कभी बीजेपी से मिलकर सरकार बनाई तो भी कभी अपने स्वार्थ में विचारधारा के खिलाफ गलत कार्य नहीं किया।
दरअसल, सपा अध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पिछले दिनों मायावती पर बीजेपी से मिले होने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि राज्यसभा चुनाव में बीजेपी और बीएसपी के गठबंधन को उजागर करने के लिए ही समाजवादी पार्टी ने निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थन किया था। सपा ने निर्दलीय प्रकाश बजाज को समर्थन दिया था, जिनका नामांकन बाद में निरस्त हो गया।