बिहार विधानसभा चुनाव मुस्तैदी से लड़ेगी बसपा
बसपा मुखिया ने कहा कि बिहार में बसपा आंदोलन की जड़े हैं और वहां बसपा के लोग विधायक भी बनते रहे हैं। बसपा एक राजनीतिक दल होने के साथ ही एक सामाजिक मूवमेंट भी है और बिहार में पार्टी के जनाधार को मजबूत करने के लिए अगला विधानसभा चुनाव भी पूरी तैयारी और मुस्तैदी से लड़ना है।
बहरहाल, मायावती ने यह नहीं बताया कि बिहार के आगामी विधानसभा चुनाव में बसपा कितनी सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। गौरतलब है कि वर्ष 2010 में बिहार विधानसभा के लिए हुए चुनाव में बसपा ने 243 में से 239 सीटों पर चुनाव लड़ा था, मगर वह एक भी सीट जीतने में कामयाब नहीं हुई थी। वर्ष 2005 में उसने 236 सीटें लड़कर दो पर, जबकि 2000 में तब अविभाजित बिहार की 324 सीटों में से 249 पर उम्मीदवार खड़े करके उसे पांच सीटों पर जीत मिली थी।
बसपा मुखिया ने बिहार की सामाजिक और राजनीतिक स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि वहां सर्वसमाज में से दलितों, अति पिछड़ों तथा अल्पसंख्यकों के मुस्लिम तबके के लोगों को अपने साथ जोड़कर बसपा अपनी स्थिति खासी मजबूत कर सकती है। उन्होंने बिहार में लालू और नीतीश कुमार की पार्टियों राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल (यू) के बीच हुए गठबंधन से उभरे राजनीतिक परिदृश्य में भाजपा की चुनावी रणनीति पर भी चर्चा की और पार्टी की संभावनाओं पर विचार विमर्श किया।