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19 January 2016

अगर महबूबा सीएम नहीं बनना चाहतीं तो चुनाव कराएं: उमर

एएफपी

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सवाल उठाते हुए पूछा, राज्य में राज्यपाल शासन क्यों है? महबूबा, आप किसका इंतजार कर रहीं हैं? उन्होंने कहा कि या तो पीडीपी नेता आगे आएं या पीछे हट जाएं। राज्य की जनता से आपका मन बन जाने का इंतजार करने की अपेक्षा नहीं की जा सकती। उमर ने कहा, देरी करना आपके द्वारा राज्य की जनता को पहुंचाया जाने वाला सबसे बड़ा नुकसान है। जनता को निर्वाचित सरकार से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।

 

उमर ने कहा, अगर आप आपके कंधों पर डाली जा रही जिम्मेदारियों को स्वीकार करने में अक्षम या अनिच्छुक हैं तो आपको जनता के प्रति अपना कर्तव्य निभाते हुए राज्यपाल से विधानसभा भंग करने की सिफारिश करनी चाहिए और जनता को चुनाव में नए सिरे से निर्णय करने देना चाहिए। नेशनल कांफ्रेंस के नेता ने एक खुले पत्र में महबूबा से सवाल किए हैं। पीडीपी नेता सरकार गठन को लेकर मौन साधे हुए हैं और उनकी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी भाजपा के साथ एजेंडा ऑफ अलायंस में सूचीबद्ध मुद्दों पर केंद्र से ठोस आश्वासनों की बाट जोह रही है। रहस्य बरकरार रहने के बीच भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष संत शर्मा ने कहा कि बहुत जल्द सरकार बनेगी। केंद्रीय मंत्री नजमा हेपतुल्ला महबूबा के पिता और पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए बीते सात जनवरी को उनके आवास पर गई थीं लेकिन उन्होंने कहा था कि वह सरकार गठन पर केंद्र के किसी संदेश के साथ नहीं आई हैं।

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उन्होंने ने लिखा, किसी भी राज्य को निर्वाचित सरकार से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। पहले मैं इस मुगालते में था कि केंद्र का शासन कुछ ही दिन तक रहेगा और चार दिन के शोक के बाद आप पदभार संभाल लेंगी। उन्होंने महबूबा से पूछा कि जब उनकी पार्टी का भाजपा के साथ गठजोड़ बरकरार है और कोई नई बातचीत नहीं हो रही है तो वह किस बात का इंतजार कर रही हैं। यह साफ करने के लिए शुक्रिया कि आपके सहयोगी दलों की ओर से कोई नई मांग नहीं है, कोई छूट नहीं मांगी जा रही। उमर ने कहा कि सत्ता संभालना सत्ता का भूखा होने का संकेत नहीं है, बल्कि सत्ता नहीं संभालना निश्चित रूप से जनता के उस विश्वास को तोड़ना है जो उसने आपमें और आपकी पार्टी में जताया है।

 

इस बीच पीडीपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि महबूबा मुफ्ती उनके पिता की अगुवाई वाली पीडीपी-भाजपा सरकार के 10 महीने के शासन के दौरान एजेंडा के क्रियान्वयन की समीक्षा करने की प्रक्रिया में हैं और समय पर निर्णय लिया जाएगा। पीडीपी नेता ने नाम नहीं जाहिर होने के अनुरोध के साथ कहा कि जब तक हमारी पार्टी के नेता नईम अख्तर द्वारा पिछले सप्ताह उठाए गए मुख्य विषयों पर हमें ठोस आश्वासन नहीं मिल जाता, तब तक पीडीपी और भाजपा की अगली सरकार बनने की संभावना बहुत कम है।

 

 

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TAGS: जम्मू-कश्मीर, सरकार, गतिरोध, नेशनल कांफ्रेंस, उमर अब्दुल्ला, पीडीपी, महबूबा मुफ्ती, मुख्यमंत्री, चुनाव, सिफारिश, भाजपा
OUTLOOK 19 January, 2016
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