कोई नहीं हटा सकता समाजवादी शब्द को : अखिलेश यादव
मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की महत्वाकांक्षी समाजवादी आवास योजना की शुरुआत करते हुए कहा कि इस योजना का नाम रखने के पीछे मंशा यह है कि एक तो समाजवादी नाम सबसे आसान लगता है और दूसरा यह कि यह शब्द संविधान की प्रस्तावना में शामिल है। उन्होंने समाजवादी एम्बुलेंस सेवा और उसके नाम को लेकर पूर्व में उठे विवाद का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा, एक बार एम्बुलेंस सेवा का नाम तय करने की बात आई तो बहस छिड़ गई। उस समय हमने इसका नाम समाजवादी एम्बुलेंस सेवा रखने का फैसला लिया।
केन्द्रीय मंत्रिमण्डल में भी बहुत बहस हुई कि आखिर इस नाम को कैसे हटाया जाए, लेकिन वह नाकाम रहे। अखिलेश ने कहा, उस वक्त केन्द्र में दूसरों की सरकार थी। योजना में कुछ अंश उनका भी होता था लेकिन वे उसके नाम से समाजवादी शब्द इसलिए नहीं हटा सके, क्योंकि यह शब्द हमारे संविधान में है उसकी प्रस्तावना में है। इसे कोई नहीं हटा सकता। समाजवादी आवास योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा समाजवाद संपन्नता का पक्षधर है। लोग जीवन भर प्रयास करते हैं कि उनका घर बन जाए।
इस योजना से आवास उपलब्ध होने पर गरीब और मध्यम वर्ग के लोग कम से कम एक दर्जा ऊपर पहुंच जाएंगे। इस योजना के तहत बनने वाले मकान भूकम्प रोधी होंगे। मुख्यमंत्री ने योजना के तहत घर बनाने जा रहे निर्माणकर्ताओं से मुखातिब होते हुए कहा, हम साल-डेढ़ साल में देखना चाहेंगे कि हमने जो सपना देखा वह साकार हो रहा है। यह सरकार का सपना है। मैं कह सकता हूं कि जिस समय घर मिलना शुरू होगा, तब सपा का सपना पूरा होगा। मुख्यमंत्री ने आवास विभाग के अधिकारियों का धन्यवाद देते हुए कहा कि अफसरों ने ऐसी नीति बनाई है जिससे गरीबों को घर उपलब्ध हो जाएगा।
इससे तमाम गरीबों का घर का सपना पूरा होगा। उन्होंने कहा, वैसे तो आवास की बहुत सी योजनाएं हैं। कई बार जो योजनाएं लागू हुईं उनसे घर नहीं बन पाए। ग्रामीण क्षेत्रों में कई योजना 10-20 साल से चल रही हैं, लेकिन उनसे घर नहीं मिला। इसलिए सरकार बनने के बाद हमने तय किया कि गरीब को उतना पैसा दो कि उसका घर बन जाए। हमने लोहिया आवास योजना के तहत मदद के तौर पर एक लाख 75 हजार रूपये देना शुरू किया था और अब हम तीन लाख पांच हजार रूपये दे रहे हैं।
बिल्डरों के सहयोग और अनुभव का लाभ मिलने की उम्मीद जताते हुए अखिलेश ने अधिकारियों से अपेक्षा की और कहा, जहां तक सरकार की तरफ से मदद की बात है तो हमारे जितने भी अधिकारी हैं, वह कोशिश करेंगे कि कहीं भी बिल्डर को परेशानी न हो। सिंगल विंडो क्लियरेंस होगा तो काम अच्छी तरह से होगा। बेमौसम बारिश से बदहाल किसानों की मदद में केन्द्र पर असहयोग का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, जहां तक किसानों का सवाल है, कोई कितनी बहस करे, लेकिन केन्द्र से अभी तक जो धन राज्य सरकार को मिलना चाहिए था, वह नहीं मिला।
राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से पीड़ित किसानों को जितना पैसा दिया, उतना पहले कभी नहीं दिया गया। अपनी सरकार द्वारा बनवाए गए पार्को का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, हमारे बनाए पार्कों में वह लोग भी ऑक्सीजन लेने जाते हैं, जो इन्हीं पार्कों को बनवाने पर हमारा विरोध कर रहे थे। जब भूकम्प आया तो वह बचने के लिए हमारे लोहिया पार्क में ही आए। अच्छा हुआ वह (बसपा सरकार द्वारा बनवाये गये) स्मारकों में नहीं गए।