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19 June 2017

सुषमा या आडवाणी के कद के बराबर होता राष्ट्रपति उम्मीदवार: ममता

File photo

ममता ने कहा कि भारत के राष्ट्रपति का पद बेहद महत्वपूर्ण है, इसके लिए किसी ऐसे व्यक्ति को ही चुनन चाहिए जो राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के कद के बाराबर हो। किसी ऐसे व्यक्ति का समर्थन करने की बजाय जिसे हम जानते हो, उम्मीदवार ऐसा हो जो देश के लिए उपयोगी हो सके। उन्होंने कहा कि विपक्ष 22 जून बैठक करेगा, उसके बाद ही हम अपना फैसला सुनाएंगे।

ममता बनर्जी ने कहा, मैं यह नहीं कह रही हूं कि बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति पद के लिए अयोग्य है। मैंने विपक्ष के दूसरे नेताओं से भी बात की है, वे भी अचंभित हैं। देश में दूसरे बड़े दलित नेता भी हैं। क्योंकि वे (रामनाथ कोविंद) भाजपा के दलित मोर्चा के नेता रहे हैं, इसलिए उन्होंने उन्हें उम्मीदवार बनाया है। राष्ट्रपति का पद बेहद महत्वपूर्ण है। किसी ऐसे व्यक्ति को उम्मीदवार बनाया जाना चाहिए था, जिसका कद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी या सुषमा स्वराज या आडवाणी के बराबर होता।”

टीएमसे नेता डेरेक ओ ब्रायन ने भी ममता की हां में हां मिलाते हुए भाजपा पर हमला किया और कोविंद की लोकप्रियता पर सवाल उठाए।     

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उधर कांग्रे के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अब जब फैसला हो गया है तो उसमें आम सहमति की जरूरत रही नहीं है।

सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि अब इस पर आम राय की जरूरत रही नहीं है। बीजेपी ने घोषणा कर दी है, अब विपक्षी दल अपना निर्णय लेंगे।  

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि उनके यहां के राज्यपाल को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया गया है। लेकिन समर्थन के मसले पर उन्होंने कहा कि इस पर बाद में निर्णय लिया जाएगा। 

उधर लोकजनशक्ति पार्टी के सुप्रीमो रामविलास पासवान का कहना है कि राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में जो रामनाथ कोविंद के नाम का विरोध करेगा वह दलित विरोधी ठहराया जाएगा।


 

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OUTLOOK 19 June, 2017
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