महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के दबाव में नासिक पुलिस ने मेरे खिलाफ मामला दर्ज किया: संजय राउत
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने सोमवार को आरोप लगाया कि नासिक पुलिस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तथा राज्य के गृह मंत्री देवेन्द्र फडणवीस के दबाव के कारण उनके खिलाफ मामला दर्ज किया है। राउत ने ट्विटर पर एक पोस्ट में यह भी दावा किया कि महाराष्ट्र में लोकतंत्र तथा स्वतंत्रता बुरी तरह से प्रभावित हुई है और इस प्रकार की ‘तानाशाही’ से लड़ना होगा।
दरअसल पुलिस ने कहा था कि नासिक पुलिस ने राज्यसभा सदस्य राउत के खिलाफ, उनकी राज्य के अधिकारियों तथा पुलिसकर्मियों से की गई इस कथित अपील को लेकर मामला दर्ज किया है कि वे (अधिकारी और पुलिसकर्मी) राज्य की ‘‘गैरकानूनी’’ सरकार के आदेशों का पालन नहीं करें।
राउत ने महाराष्ट्र में शिवसेना से जुड़े राजनीतिक संकट पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के एक दिन बाद 12 मई को यह अपील की थी।
एक अधिकारी ने रविवार को कहा कि नासिक पुलिस ने राउत की टिप्पणी पर स्वत: संज्ञान लिया और मुंबई नाका थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 505 (1) (बी), पुलिस (असंतोष के लिए उकसाना) अधिनियम, 1922 और अन्य धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई।
राउत ने सोमवार को ट्वीट किया, ‘‘पुलिस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तथा राज्य के गृह मंत्री देवेन्द्र फडणवीस के दबाव के कारण मेरे खिलाफ मामला दर्ज किया है। ’’राउत ने हैरानी जताई कि उनका अपराध क्या है।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने अपनी राय व्यक्त की थी कि राज्य प्रशासन को इस सरकार के आदेशों का पालन नहीं करना चाहिए क्योंकि उन्हें भविष्य में कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। क्या यह अपराध है? राज्य सरकार ने सीधा मेरे खिलाफ मामला दर्ज करा दिया।’’
शिवसेना (यूबीटी) नेता ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का जिक्र करते हुए ट्वीट किया,‘‘ सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वह प्रक्रिया अब गैरकानूनी हो गई है जिसके कारण राज्य सरकार का गठन हुआ था। मुख्य सचेतक तथा विधानसभा में पार्टी के नेता के तौर पर शिंदे का चयन भी अब असंवैधनिक हो गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हालात ये हैं कि 16 विधायकों को किसी भी वक्त अयोग्य ठहराया जा सकता है। हालांकि मैं अपने खिलाफ किसी भी कार्रवाई से भयभीत नहीं हूं।’’ राउत ने दावा किया कि महाराष्ट्र में लोकतंत्र तथा आजादी बुरी तरह से प्रभावित हुई है और इस प्रकार की ‘‘तानाशाही’’ से लड़ना होगा।