छगन भुजबल ने महाराष्ट्र की नई महायुति सरकार में जगह नहीं मिलने पर निराशा जताई, भविष्य की राह तय करेंगे
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने सोमवार को नई महायुति सरकार में शामिल नहीं किए जाने पर निराशा व्यक्त की और कहा कि वह अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से बात करने के बाद भविष्य की राह तय करेंगे।
देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार के पहले कैबिनेट विस्तार में रविवार को महायुति के घटक दलों भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), शिवसेना और राकांपा के 19 विधायकों ने शपथ ली। कैबिनेट से 10 पूर्व मंत्रियों को हटा दिया गया और 16 नए चेहरों को शामिल किया गया है।
पूर्व मंत्री भुजबल और राकांपा के दिलीप वलसे पाटिल एवं भाजपा के मुनगंटीवार और विजयकुमार गावित नए मंत्रिमंडल से बाहर किए गए कुछ प्रमुख नेता हैं।
संवाददाताओं से बातचीत में भुजबल ने कहा कि वह नई कैबिनेट में शामिल नहीं किए जाने से नाखुश हैं।
अपने भविष्य के कदम के बारे में पूछे जाने पर नासिक जिले के येओला निर्वाचन क्षेत्र के विधायक ने कहा, ‘‘मुझे देखने दीजिए। मुझे इस पर विचार करने दीजिए। मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से बात करूंगा और समता परिषद के साथ चर्चा करूंगा।’’
फडणवीस ने रविवार को कैबिनेट विस्तार के बाद कहा था कि महायुति सहयोगी ने अपने कार्यकाल के दौरान मंत्रियों का ‘प्रदर्शन ऑडिट’ कराने पर सहमति जताई है।
भुजबल ने मंत्रियों के ‘प्रदर्शन ऑडिट’ पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। पूर्व मंत्री दीपक केसरकर को भी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है, लेकिन उन्होंने कहा कि वह निराश नहीं हैं।
कांग्रेस नेता भाई जगताप ने कहा कि मंत्रियों के ‘प्रदर्शन ऑडिट’ का कोई अर्थ नहीं है। उन्होंने सवाल किया कि यदि कोई मंत्री प्रदर्शन नहीं करता, तो ढाई साल तक इंतजार क्यों करना?