हाई वोल्टेज ड्रामा के बीच 30 घंटे से लापता सीएम हेमंत सोरेन पहुंचे रांची, विधायकों की बैठक में पत्नी कल्पना भी रहीं शामिल
हाई वोल्टेज ड्रामा के बीच 30 घंटे से लापता मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रांची पहुंचे और मुख्यमंत्री आवास में गठबंधन के विधायकों, मंत्रियों के साथ संक्षिप्त बैठक की। उसके बाद अपने काफिले के साथ मोरहाबादी मैदान स्थिति बापू वाटिका जाकर पुण्यतिथि पर बाबू को श्रद्धांजलि दी। सत्ता पक्ष के विधायकों की बैठक में खास बात यह रही कि बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन भी मौजूद थीं।
अपनी गुमशुदगी की खबरों के बीच ही हेमंत सोरेन ने जमीन घोटाला मामले में पूछताछ के लिए बुधवार को ईडी को समय दिया है। इधर हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास पर ईडी की छापेमारी के दौरान 36 लाख रुपये नकद और बीएम डब्ल्यू कार बरामद किये जाने की सूचना है। सत्ताधारी विधायकों की बैठक में कल्पना सोरेन की मौजूदगी को लेकर सियासी गलियारे में चर्चाओं का बाजार फिर गरम हो गया है। वजह यह कि वे न तो विधायक हैं न पदाधिकारी। लंबे समय से कयास लगाये जा रहे हैं कि ईडी अगर हेमंत सोरेन को हिरासत में लेती है या खुद के नाम माइनिंग लीज मामले में चुनाव आयोग के के बंद लिफाफे के मामले में अगर हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता जाती है उनकी पत्नी कल्पना सोरेन मुख्यमंत्री का अगला चेहरा हो सकती हैं। गांडेय से झामुमो विधायक सरफराज अहमद ने भी जब अचानक इस्तीफा दिया तो कल्पना सोरेन को इस सीट से लड़वाने को लेकर चर्चा शुरू हो गई थी।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रविवार की रात अचानक विशेष विमान से दिल्ली पहुंचे थे सोमवार को सुबह ईडी ने हेमंत के दिल्ली स्थित आवास पर रेड किया मगर हेमंत नहीं मिले। सूचना के अनुसार अभी भी विमान दिल्ली एयरपोर्ट पर खड़ी है और हेमंत सड़क मार्ग से रांची चले आये। मंगलवार दोपहर करीब एक बजे हेमंत मुख्यमंत्री आवास रांची पहुंचे। उसके पहले से ही वहां सत्ताधारी दल के विधायक, मंत्री मौजूद थे। उसके पूर्व विधायकों को बैग के साथ सर्किट हाउस बुलाया गया था। हेमंत सोरेन के आने की खबर के बाद सभी विधायक सीएम हाउस चले गये। विधायकों ने एकजुटता दिखाई हालांकि बाहर निकले वाले विधायक बैठक को लेकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं थे।
माना जा रहा है कि बैठक में मौजूदा संकट को देखते हुए भविष्य की रणनीति पर चर्चा हुई। हां बाद में विधायकों ने केंद्र सरकार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की आलोचना की कहा कि मुख्यमंत्री लापता थे मगर गृह मंत्रालय उनकी खुफिया एजेंसी इतने घंटों तक क्या करती रही। हालांकि यह भी कहा कि हमलोग निश्चिंत थे। हेमंत सोरेन व्यक्तिगत काम से गये हुए थे। हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में सत्ताधारी दल के विधायकों की बैठक के पूर्व कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने कांग्रेस विधायकों के साथ बैठक कर विमर्श किया। बाद में वे भी मुख्यमंत्री आवास जाकर हेमंत सोरेन से मिले।
इधर मुख्यमंत्री के लापता होने की खबर के बीच राज्यपाल ने मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और गृह सचिव को राजभवन बुलाकर खोज खबर ली। पूछा कि शासन किसके निर्देश पर चल रहा है। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन भी बोल चुके थे कि उन्हें मुख्यमंत्री के बारे में कोई खबर नहीं है। वहीं मुख्यमंत्री के लापता रहने को लेकर भाजपा भी आक्रामक रही, मौज लेती रही। भारतीय जनता युवा मोर्चा ने रांची के अरगोड़ा थाने में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लापता होने की प्राथमिकी तक दर्ज करा दी। मुख्यमंत्री के लापता होने को लेकर पोस्टरबाजी भी शुरू हो गयी, बताने वाले को 11 हजार रुपये पुरस्कार का एलान कर दिया गया।
बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया (एक्स) पर मुख्यमंत्री के लापता होने का पोस्टर जारी कर उनके बारे में जानकारी देने वाले को 11 हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की है। अरगोड़ा थाने में दिये लिखित आवेदन में भारतीय जनता युवा मोर्चा ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन किसी काम से दिल्ली गए थे। समाचार पत्रों से ऐसी जानकारी कि पिछले 40 घंटे से मुख्यमंत्री की कोई खोज खबर नहीं है। यह गंभीर चिंता का विषय है। यह मुख्यमंत्री की सुरक्षा और राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था से जुड़ा हुआ है।