टी.एस. सिंह देव होंगे छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री; चुनावी रणनीति पर गहन चर्चा
छत्तीसगढ़ में साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले सत्तारूढ़ कांग्रेस ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को उप मुख्यमंत्री बनाये जाने की बुधवार को घोषणा की।
कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने बुधवार को छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर पार्टी की रणनीति और चुनावी तैयारियों पर नयी दिल्ली में चर्चा की। साथ ही, एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राज्य के मंत्री टी. एस. सिंहदेव को उप मुख्यमंत्री बनाए जाने का ऐलान किया।
उल्लेखनीय है कि राज्य में 2018 में पार्टी के सत्ता में आने के बाद से ही सिंहदेव और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सत्ता की लड़ाई में एक दूसरे के आमने सामने रहे हैं।
इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी की रणनीति पर चर्चा करने के लिए दोनों नेता राष्ट्रीय राजधानी में हैं। कांग्रेस मुख्यालय में हुई इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने की।
देर रात जारी पार्टी के एक बयान के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने छत्तीसगढ़ में सिंहदेव को उपमुख्यमंत्री नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
वहीं, राज्य में मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि प्रदेश में चुनावी हार को भांपते हुए पार्टी (कांग्रेस) ने यह दांव खेला है।
दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में हुई बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बघेल, राज्य के वरिष्ठ नेता, राज्य प्रभारी कुमारी शैलजा और महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल शामिल हुए।
सूत्रों ने बताया कि छत्तीसगढ़ मामलों की प्रभारी और पार्टी महासचिव कुमारी शैलजा ने सिंहदेव को उप मुख्यमंत्री नियुक्त किए जाने के लिए एक प्रस्ताव भेजा था जिसे पार्टी प्रमुख खरगे ने मंजूरी दे दी। रणनीतिक बैठक के बाद बघेल और सिंहदेव ने खड़गे से उनके आवास पर जाकर भी मुलाकात की।
बघेल ने बाद में अपनी और सिंहदेव की एक तस्वीर के साथ ट्वीट किया, ‘‘हम तैयार हैं। महाराज साहेब को उप मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी के लिए बधाई और शुभकामनाएं ।’’तस्वीर में दोनों मुस्कुराते नजर आ रहे थे।
पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी के सदस्य मिलकर काम करेंगे और छत्तीसगढ़ के लोगों के जीवन में बदलाव लाते रहेंगे।
खड़गे ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़, ये हमारे लिए केवल कोई नारा नहीं है, छत्तीसगढ़ की उन्नति व सामाजिक न्याय के लिए एक ध्येय है। छत्तीसगढ़ की जनता और कांग्रेस पार्टी में उनका अटूट विश्वास, विकास की अविरल धारा को आगे बढ़ाता रहेगा।’’
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव (संगठन) के सी वेणुगोपाल ने ट्वीट किया, ‘‘वह (सिंहदेव) कांग्रेस के वफादार नेता हैं और कुशल प्रशासक हैं। राज्य को उपमुख्यमंत्री के रूप में उनकी सेवाओं से काफी फायदा मिलेगा। हमें विश्वास है कि छत्तीसगढ़ के लोग खरगे जी तथा राहुल गांधी जी के नेतृत्व में भारी बहुमत से कांग्रेस को सत्ता में बरकरार रखेंगे।’’
पार्टी सूत्रों ने कहा कि बैठक के दौरान कांग्रेस की आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श किया गया। उन्होंने कहा कि गांधी ने बैठक में नेताओं से कहा कि वे राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने के साथ ही उन्हें यह भी बतायें कि वह उनके लिए और क्या करने का इरादा रखती है।
सूत्रों ने कहा कि सभी ने एकजुट होकर काम करने पर सहमति व्यक्त की और महसूस किया कि यह एकजुटता कहीं और की तुलना में छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक देखी गई है।
बाद में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शैलजा ने कहा कि खरगे ने पार्टी नेताओं से कहा कि ‘‘संविधान हमारे लिए सर्वोपरि है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के पास धार्मिक मुद्दों के अलावा कोई एजेंडा नहीं है। वे धर्म और जाति के नाम पर नकारात्मक राजनीति करते हैं। लेकिन हमारा एजेंडा काम करना और लोगों को एकजुट करना है और हमारी अपनी विचारधारा है तथा हम उसके अनुसार काम करेंगे।’’
शैलजा के मुताबिक, राहुल ने समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलने की जरूरत पर जोर दिया। शैलजा ने कहा कि राहुल हमेशा लोगों को जोड़ना और प्रेम एवं सद्भाव फैलाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘सभी ने एक ही बात कही कि हम साथ मिलकर काम करेंगे। हम साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे।’ कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता चुनाव प्रचार के लिए प्रशिक्षण ले रहे हैं।
बैठक में कांग्रेस की छत्तीसगढ़ इकाई के प्रमुख मोहन मरकाम और टी एस सिंह देव सहित अन्य मंत्री भी शामिल हुए।
वहीं, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने तंज कसते हुए ट्वीट किया, ”डूबने लगी कश्ती तो कप्तान ने कुछ यूँ किया, सौंप दी है पतवार आधी दूसरे के हाथ में। बाकी चार महीने के लिए महाराज जी को बधाई।”
छत्तीसगढ़ में सिंहदेव को मुख्यमंत्री बघेल का विरोधी माना जाता है। सिंहदेव के समर्थकों के मुताबिक, पार्टी आलाकमान ने वर्ष 2018 में राज्य में कांग्रेस की बड़ी जीत के बाद सिंहदेव से ढाई वर्ष के लिए मुख्यमंत्री बनाए जाने का वादा किया था।
राज्य में बघेल सरकार के ढाई वर्ष होने के बाद सिंहदेव जब आलाकमान से मिलने दिल्ली पहुंचे थे, तब बघेल के समर्थन में पार्टी के विधायक भी दिल्ली पहुंच गए थे। माना जाता है कि इसके बाद सिंहदेव और बघेल के बीच दूरी और बढ़ गई।
सिंहदेव की नाराजगी तब और खुलकर सामने आ गई, जब उन्होंने अपनी ही सरकार की कार्यप्रणाली से नाराज होकर पिछले वर्ष पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग से इस्तीफा दे दिया था।
तीन बार के विधायक सिंहदेव को 2013 में विधानसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी ने कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना था। माना जाता है कि राज्य में 2018 में पार्टी को सत्ता में वापस लाने में कांग्रेस के घोषणापत्र का महत्वपूर्ण योगदान था, जिसके पीछे सिंहदेव ही थे।
सिंहदेव का जन्म 31 अक्टूबर 1952 को इलाहाबाद में सरगुजा के राज परिवार में हुआ है। उनके पिता एमएस सिंहदेव प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे तथा तत्कालीन मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे। उनकी मां देवेन्द्र कुमारी मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री थीं।
बताया जाता है कि सरगुजा क्षेत्र में सिंहदेव के सम्मान और उनकी पकड़ को देखते हुए पार्टी उन्हें अनदेखा नहीं कर सकती है। हालांकि, चुनाव से पहले पार्टी उन्हें मनाने में कामयाब रही है।
सिंहदेव वर्तमान में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, बीस सूत्रीय कार्यान्वयन और वाणिज्यिक कर (जीएसटी) विभाग के मंत्री हैं।
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