नेताओंं ने कर दी हद, मासूमों की जान पर ऐसे बचा रहे हैं अपना दामन
बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार कहे जाने वाले एक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के चलते हो रही मौतों से जहां पूरा देश गम में है। वहीं, इस बीमारी को लेकर राज्य की नीतीश सरकार के मंत्रियों के अलग-अलग बेतुके बयान सामने आ रहे हैं। किसी ने इसे नियति तो किसी ने इसके लिए लीची को जिम्मेदार ठहरा दिया। आइए हम आपको बताते हैं कि इस बुखार को लेकर किस नेता ने किस तरह का बयान दिया है। इस बुखार से अब तक 126 बच्चों की मौत हो चुकी है।
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने नियति को ठहराया जिम्मेदार
बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने इस इन्सेफलाइटिस के लिए अजब-गजब कारण बताते हुए नियति को जिम्मेदार ठहरा दिया। उन्होंने कहा, ‘न प्रशासन जिम्मेदार है, न सरकार जिम्मेदार है, मैं मानता हूं जो नियति है वो ठीक नहीं है और जो मौसम है वो भी इसके लिए एक मुख्य कारण है’।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने लीची को बताया मौत की वजह
इस बुखार से हो रही मौतों को लेकर केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने एक निजी चैनल से बातचीत के दौरान कहा, ‘बच्चों की मौतों के पीछे कई सारे कारण हैं, एक वजह ये भी है कि बच्चे भूखे पेट लीची खा लेते हैं, लीची में जो बीज होता है वो शरीर में शुगर को कम कर देता है, जिसकी वजह से इन्सेफ्लाइटिस हो रहा है’। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि इस पर रिसर्च की जा रही है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सोते हुए नजर आए अश्विनी चौबे
अश्विनी चौबे का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, इस वीडियो में मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वो सोते हुए नजर आ रहे थे। इसे लेकर जब उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने अपनी इस गलती को छिपाने के लिए ये कह दिया कि वो चिंतन कर रहे थे।
सांसद के विवादित बोल- '4G' से हुई बच्चों की मौत
मुजफ्फरपुर में मौतों के बारे में जब यहां के सांसद अजय निषाद से सवाल किया तो उन्होंने बेहद लापरवाही से बयान देते हुए कहा, 'इस बार ज्यादा मामले आ रहे हैं, इसकी वजह गर्मी भी है। गर्मी बहुत ज्यादा हो रही है, उसका रोकथाम करने के लिए पेड़-पौधे लगाना चाहिए। बीमारी की असली वजह 4 जी है, जी फॉर गर्मी, गांव, गरीबी और गंदगी। इससे बीमारी का ताल्लुक है। ज्यादातर मरीज गरीब तबके से हैं और उनके रहन-सहन के स्तर में गिरावट है। उसे सुधारने की जरूरत है।'
अपने 5 साल पुराने वादे को लेकर डॉ हर्षवर्धन ने दिया बयान
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन से जब इस बीमारी को लेकर उनके पांच साल पुराने वादे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'सुपर स्पेशलिटी सेंटर वहां बनाए जा रहे है, मैंने खुद देखा है। मैंने राज्य सरकार को समर्थन देने का वादा किया है। सभी अच्छा करने की कोशिश कर रहे हैं। मैंने मुजफ्फरपुर में करीब एक घंटे तक बात की। मैं हर एक घंटे की स्थिति का जायजा ले रहा हूं।'
सीएम नीतीश के मुजफ्फरपुर पहुंचते ही लगे मुर्दाबाद के नारे
मंगलवार को सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मरीजों का हाल जानने के लिए मुजफ्फरपुर पहुंचे, लेकिन उन्हें आक्रोशित भीड़ के गुस्से का सामना करना पड़ा। लोगों ने नीतीश कुमार मुर्दाबाद और वापस जाओ के नारे लगाए। अस्पताल के अंदर नीतीश कुमार की बैठक के दौरान अस्पताल के बाहर भारी संख्या में लोग मौजूद रहे। सीएम नीतीश के साथ डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी भी मौजूद रहे।
क्या होता है एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम
बताया जा रहा है कि एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार) शरीर के नर्वस सिस्टम पर सीधा असर करता है। तेज बुखार के साथ इसकी शुरुआत होती है। इसके बाद यह बुखार शरीर के न्यूरोलॉजिकल सिस्टम पर असर करता है। यह बीमारी अमूमन मानसून के समय (जून से अक्टूबर) के महीने में ही होती है। हालांकि, अप्रैल और जून के महीने में भी इसे देखा गया है।
कैसे होता है एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम
एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार) वायरस, बैक्टेरिया, फंगी जैसी चीजों से हो सकता है। देश में एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम सबसे ज्यादा जापानी इंसेफ्लाइटिस वायरस से होता है। हालांकि, इंसेफ्लाइटिसडेंगू, निपाह वायरस, जीका वायरस, स्क्रब टाइफस जैसे वायरसों से भी होता है।