सीसीटीवी मुद्दे को लेकर एलजी निवास पर केजरीवाल ने दिया धरना
सीसीटीवी कैमरे लगवाने पर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच छिड़ी जंग सड़क पर पहुंच गई है। मुख्यमंत्री अपनी कैबिनेट के साथ उपराज्यपाल से मिलने उनके घर पहुंचे तो सुरक्षागार्डों ने उन्हें आवास में घुसने नहीं दिया। इस पर अरविंद केजरीवाल अपने साथियों के साथ एलजी आवास के बाहर ही धरने पर बैठ गए। करीब तीन घंटे बाद एलजी से मुलाकात के बगैर ही धरना खत्म कर दिया।
एलजी के दफ्तर में तैनात पुलिस अधिकारियों ने जब मुख्यमंत्री से कहा कि वह और उनके मंत्री उपराज्यपाल से मिल सकते हैं लेकिन आप विधायकों को उनके साथ जाने की अनुमति नहीं होगी। उसके बाद केजरीवाल और उनके सहयोगी धरने पर बैठ गए। धरने पर बैठे नेताओं ने महात्मा गांधी की प्रार्थना सभाओं में गाए जाने वाले भजन गाए और उपराज्यपाल को सद्बुद्धि देने की कामना की।
इससे पहले आप के नेताओं ने मुख्यमंत्री के आवास से एलजी हाउस तक मार्च किया। मार्च में केजरीवाल, मंत्रियों और विधायकों ने उपराज्यपाल और भाजपा के खिलाफ नारे लगाए। उधर, उपराज्यपाल ने रविवार को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस मुद्दे पर बार-बार और जानबूझकर लोगों और मीडिया को गुमराह किया जा रहा है। साथ ही केजरीवाल से पूछा कि वह महिला सुरक्षा के मुद्दे का राजनीतिकरण क्यों कर रहे हैं।
दिल्ली कांग्रेस ने रविवार को इस मुद्दे पर केजरीवाल सरकार के खिलाफ कैंडल मार्च किया था। पार्टी का आरोप है कि दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगाने के प्रोजेक्ट की शुरुआती लागत 130 करोड़ थी जिसको टेन्डर शर्तों में छूट देकर 571.40 करोड़ कर दिया गया है। प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने आरोप लगाया था कि इस प्रोजक्ट के जरिए केजरीवाल सरकार जनता की गाढ़ी कमाई को खाने की योजना बना रही है।