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08 November 2019

महाराष्ट्र में सियासी संकट जारी, संजय राउत ने की सीएम फडनवीस से इस्तीफे की मांग

File Photo

 महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना में खींचतान जारी है। महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन को लेकर इंतजार और बढ़ता जा रहा है, जहां भाजपा ने अब तक सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया है, वहीं शिवसेना बार-बार मुख्यमंत्री पद की साझेदारी पर अड़ी है। इस बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने बीजेपी पर एक बार फिर से बड़ा हमला बोला है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने देवेंद्र फडनवीस से इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस को इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है।

 संजय राउत ने शुक्रवार को मुंबई में मीडिया से बातचीत में बीजेपी से यह भी कहा कि अगर महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है, तो यह राज्य के लोगों का अपमान होगा। साथ ही राउत ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी को शिवसेना के पास तभी आना चाहिए जब वह महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री का पद अपनी सहयोगी पार्टी के साथ साझा करने के लिए तैयार हो। राउत ने कहा कि बीजेपी को ‘कार्यवाहक’ सरकार के प्रावधान का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। 

गडकरी का मुंबई आना कोई बड़ी बात नहीं 

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राउत ने कहा, ‘गडकरी मुंबई के निवासी हैं। उनका यहां आना कोई बड़ी बात नहीं है। वह अपने घर जाएंगे। क्या उन्होंने आपको बताया कि वह शिवसेना को ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद देने के संबंध में पत्र ला रहे हैं?’ गौरतलब है कि बीजेपी और शिवसेना, दोनों के पास गठबंधन कर अगली सरकार बनाने के लिए पर्याप्त सीटें हैं लेकिन सत्ता में बराबर की साझेदारी खासकर मुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों के बीच खींचतान जारी है।

आज खत्म हो जाएगा महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल

आज यानी शुक्रवार को महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल भी खत्म हो जाएगा। राज्‍य में सरकार बनेगी या राष्‍ट्रपति शासन लागू होगा इस बारे में भी आज सस्‍पेंस खत्‍म हो सकता है। गुरुवार को राज्यपाल बीएस कोश्यारी ने कानूनी पहलुओं और संवैधानिक मुद्दों पर महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी से राजभवन में चर्चा की। इस बीच भाजपा और शिवसेना के बीच तनातनी चरम पर पहुंच चुकी है। एक ओर जहां शिवसेना अपना मुख्यमंत्री बनाने की मांग पर अड़ी हुई है तो वहीं दूसरी ओर भाजपा सीएम पद पर किसी समझौते को तैयार नहीं दिख रही है।

दरअसल, चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही बीजेपी और शिवसेना के बीच रिश्ते तल्ख रहे और बयानबाजी का दौर चलता रहा। 50-50 के फॉर्मूले और मुख्यमंत्री के पद को लेकर दोनों पार्टियां आमने सामने हैं और इस बीच अन्य दलों के साथ मुलाकातों का दौर भी चला। राज्य में अब लगभग सभी मुख्य दलों ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात कर ली है, लेकिन अभी तक किसी भी दल ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया है। बता दें कि मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 9 नवंबर यानी कल खत्म होने जा रहा है।

किसी पार्टी के पास बहुमत का आंकड़ा मौजूद नहीं

राज्यपाल से मुलाकात के दौरान किसी भी पार्टी की तरफ से सरकार बनाने का दावा पेश न करने की स्थिति पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने महाराष्ट्र के एडवोकेट जनरल आशुतोष कुंभकोणी से बात की और राज्य की स्थिति पर सलाह ली। किसी पार्टी के पास बहुमत का आंकड़ा मौजूद नहीं है। हालांकि बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है और उसके पास 105 विधायक हैं। सरकार बनाने के लिए 146 विधायकों के समर्थन की जरुरत है।

सीएम पद की मांग पर कायम है शिवसेना

बीजेपी के साथ खींचतान के चरम पर पहुंचने के बाद भी शिवसेना ने सीएम पद पर अड़ी हुई है। पार्टी के प्रवक्ता संजय राउत ने गुरुवार को कहा कि शिवसेना अब भी सीएम पद की मांग पर कायम है। गवर्नर से मिलने के बाद बीजेपी नेताओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस के जवाब में राउत ने कहा कि बीजेपी यदि सरकार नहीं बना रही है तो साफ है कि उसके पास बहुमत नहीं है। वे राष्ट्रपति शासन लगाने की मंशा रखते हैं।

हमें बीजेपी की ओर से तोड़े जाने का डर नहीं- शिवसेना

संजय राउत ने यह भी कहा कि अगर वे सरकार नहीं बना पा रहे हैं तो फिर बताएं कि हमारे पास बहुमत नहीं है। यदि वे राज्यपाल से मिलकर आए हैं तो उन्हें 146 विधायकों की सूची उन्हें सौंपनी चाहिए थी। शिवसेना ने अभी सभी विधायकों को रंगशारदा होटल में रखा है। विधायकों को होटल में रखने को लेकर उन्होंने कहा कि हमें बीजेपी की ओर से तोड़े जाने का डर नहीं है। नए विधायकों को आवास मुहैया नहीं हुए हैं। इसलिए उन्हें रखने की व्यवस्था पार्टी ने की है।

अपने विधायकों को शिवसेना ने होटल में ठहराया

मुलाकातों के दौर के बीच गुरुवार को शिवसेना के विधायकों ने एक प्रस्ताव पारित कर, महाराष्ट्र में सरकार गठन पर अंतिम निर्णय लेने के लिए पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को अधिकृत किया। तमाम अनिश्चितता और विधायकों के दल-बदल की आशंका के बीच शिवसेना ने अपने विधायकों को होटल में ठहराया है।

राज्य की राजनीतिक हलचल पर टिकी सबकी नजरें

सभी दावों और बयानों के बीच अब शुक्रवार को सभी की नजरें राज्य की राजनीतिक हलचल पर टिकी हैं क्योंकि सरकार के गठन के फैसले को लेकर यह अंतिम और निर्णायक दिन है।

9 नवंबर को भंग हो जाएगी विधानसभा

राज्य में 2014 के चुनाव के बाद महाराष्ट्र विधानसभा का गठन 10 नवंबर 2014 को हुआ था लिहाजा 9 नवंबर 2019 यानी शनिवार को विधानसभा भंग हो जाएगी।

 

 

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TAGS: 'Devendra Fadnavis, Should Resign', Shiv Sena, Sanjay Raut, Reiterates Demand, Sharing, Maharashtra CM's Post
OUTLOOK 08 November, 2019
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