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23 November 2019

महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा उलटफेर, फड़नवीस ने सीएम तो अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली

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महाराष्ट्र में पिछले कई दिनों से जारी सियासी गतिरोध के बीच शनिवार को एक बड़ा उलटफेर देखने को मिला। तमाम अटकलों और कयासबाजियों के बीच शनिवार सुबह बीजेपी ने एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली। देवेंद्र फड़नवीस को दोबारा राज्य की कमान सौंप दी गई है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उन्हें मुख्यमंत्री पद एवं गोपनीयती की शपथ दिलाई। वहीं, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने राज्य के उप-मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। सुबह करीब आठ बजे राजभवन में राज्यपाल कोश्यारी ने दोनों नेताओं को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसके साथ ही शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने का सपना टूट गया। राज्यपाल ने फड़नवीस सरकार को 30 नवंबर तक बहुमत साबित करने का समय दिया है। राज्य में इस सियासी उलटफेर के बाद अब एनसीपी प्रमुख शरद पवार और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे आज दोपहर 12:30 बजे मीडिया को संबोधित करेंगे।

महाराष्ट्र में शनिवार तड़के पांच बजकर 47 मिनट पर राष्ट्रपति शासन हटाए जाने के बाद भाजपा और एनसीपी सरकार ने प्रभार संभाला। गृह मंत्रालय की एक अधिसूचना के अनुसार, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार सुबह राष्ट्रपति शासन को समाप्त करने की घोषणा की। 

बता दें कि महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना की नई सरकार बनने के संकेत देते हुए शुक्रवार को ही एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के नाम पर हामी भर दी थी, लेकिन अब वो ही एनसीपी, भाजपा के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बना रही है।

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'महाराष्ट्र को एक स्थिर सरकार की जरूरत है, एक 'खिचड़ी' सरकार की नहीं'

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में फिर से शपथ लेने के बाद देवेंद्र फड़नवीस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, अमित शाह जी और जेपी नड्डा जी का आभार व्यक्त करता हूं उन्होंने महाराष्ट्र की सेवा करने का मौका दिया। जनता ने हमें स्पष्ट जनादेश दिया था लेकिन शिवसेना ने हमारा साथ छोड़कर किसी और जगह गठबंधन करना शुरू कर दिया। जिसके चलते महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हुआ। महाराष्ट्र जैसे राज्य में यह कितने समय लागू रहे यह शोभा भी नहीं देता है। इसके चलते महाराष्ट्र को एक स्थिर सरकार की जरूरत थी खिचड़ी सरकार की नहीं। अंत में मैं राष्ट्रवादी पार्टी के नेता अजित पवार को धन्यवाद देना चाहूंगा कि उन्होंने हमारा साथ दिया। उन्होंने कहा कि हमारे साथ कई अन्य लोग भी आएं हैं। हमारा दावा राज्यपाल का पेश किया। राज्यपाल जी ने राष्ट्रपति जी से अनुशंस की कि वह राष्ट्रपति शासन वापस लें। इसके बाद राज्यपाल ने सरकार बनाने का न्यौता दिया। महाराष्ट्र में स्थिर और स्थाई सरकार दे पाएंगे।

देवेंद्र फड़नवीस ने कहा, मैं एनसीपी के अजीत पवार जी का आभार व्यक्त करना चाहता हूं, उन्होंने महाराष्ट्र में एक स्थिर सरकार देने और बीजेपी के साथ आने का फैसला लिया। कुछ अन्य नेता भी हमारे साथ आए और हमने सरकार बनाने का दावा पेश किया।

किसानों के लिए सरकार में आए- अजीत पवार

शपथ लेने के बाद अजीत पवार ने कहा ‌कि हम लोगों की समस्या के लिए साथ आए हैं। हम किसानों की समस्या को खत्म करना चाहते हैं। उनकी भलाई के लिए ही सरकार में आए हैं। उन्होंने कहा कि लोगों ने जिसे सरकार बनाने के लिए चुना था उन्हीं को सरकार बनानी भी चाहिए। 

अजीत पवार ने कहा कि चुनाव नतीजों के दिन से आज तक कोई भी पार्टी सरकार नहीं बना पाई। महाराष्ट्र में किसान मुद्दों सहित कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए हमने एक स्थिर सरकार बनाने का फैसला किया।

पीएम मोदी ने दी बधाई

इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देवेंद्र फड़नवीस को महाराष्ट्र का दोबारा सीएम बनने पर बधाई दी है। पीएम ने कहा कि देवेंद्र फड़नवीस जी और अजित पवार जी को क्रमशः मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर बधाई। मुझे विश्वास है कि वे महाराष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य के लिए लगन से काम करेंगे।

शुक्रवार को तीनों दलों की बैठक के बाद सीएम पद के लिए उद्धव के नाम पर बनी थी सहमति  

इससे पहले महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की बैठक में मुख्यमंत्री के नाम पर कोई अंतिम फैसला नहीं हो पाया था। हालांकि, शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा था कि उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनने को तैयार हैं। शुक्रवार को राज्य में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की गठबंधन सरकार का बनना तय हो गया था। मुंबई के नेहरू सेंटर में शुक्रवार को हुई तीन दलों के वरिष्ठ नेताओं की करीब दो घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में सरकार गठन, विभागों के बंटवारे आदि पर चर्चा हुई थी। बैठक के बाद एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने शुक्रवार को कहा था कि नई सरकार शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में बनेगी। हालांकि कांग्रेस ने अभी बातचीत को अधूरी करार दिया है। कांग्रेस का कहना है कि शनिवार को पूरी बातचीत होगी।

पवार ने कहा था कि कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के शीर्ष नेताओं की मैराथन बैठक में महाराष्ट्र में सरकार बनाने की कोशिशें तेज हो रही हैं। पवार ने कहा कि ठाकरे के नेतृत्व पर सर्वसम्मति है। बैठक के बाद पत्रकारों से उन्होंने कहा था, "इस बात पर आम सहमति है कि सरकार का नेतृत्व उद्धव ठाकरे करेंगे।"

शरद पवार ने कहा था कि बैठक में महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर चर्चा हुई। हमारी प्राथमिकता यह है कि सरकार पूरे 5 साल चले। इस बैठक में सरकार की लीडरशिप को लेकर चर्चा हुई और उद्धव ठाकरे के नाम पर सहमति बन गई। पवार ने यह भी कहा था कि तीनों पक्ष शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे, जिसमें शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी को शामिल किया जाएगा, जो सरकार गठन को लेकर अन्य मुद्दों पर अपनी चर्चा जारी रखेंगे। पवार ने कहा कि कल हम यह भी तय करेंगे कि राज्यपाल से कब संपर्क किया जाए।

यह गठबंधन अवसरवादी, नहीं टिकेगी सरकार: गडकरी

इससे पहले दिन में, भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि भले ही तीनों पार्टियां महाराष्ट्र में सरकार बनाती हैं, लेकिन यह छह से आठ महीने से अधिक नहीं चलेगी। इसके अलावा, उन्होंने तीनों पक्षों के बीच गठबंधन को अवसरवादी बताया। गठबंधन पर टिप्पणी करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, 'इनके बीच वैचारिक तालमेल नहीं है। शिवसेना जिस विचारधारा पर चलती है, कांग्रेस उसका पूरी तरह से विरोध करती है। कांग्रेस जिस विचारधारा पर चलती है, उसका शिवसेना विरोध करती है। एनसीपी भी शिवसेना के विचारों से तालमेल नहीं रखती है।'

तीनों दलों के गठबंधन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका

शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की सरकार गठन की कोशिशों के खिलाफ शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। इसमें चुनाव परिणाम के बाद बनने वाले गठबंधन को नापाक बताकर राज्यपाल से निर्देश देने की अपील की गई है कि वह इस गठबंधन को सरकार बनाने का न्योता न दें। याचिका सुरेंद्र इंद्र बहादुर सिंह ने दायर की है। याचिका में भारत सरकार सहित महाराष्ट्र की तमाम पार्टियों को प्रतिवादी बनाया है। साथ ही याचिका में कहा गया है कि एसआर बोम्मई मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश में ‘राजनीतिक पार्टी/पार्टियों के समूह’ के भाव स्पष्ट करने की जरूरत है।

21 अक्टूबर को हुए थे चुनाव

बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों के लिए 21 अक्टूबर को चुनाव हुए थे और नतीजे 24 अक्टूबर को आए थे। राज्य में किसी पार्टी या गठबंधन के सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करने की वजह से राज्य में 12 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था। शिवसेना के मुख्यमंत्री पद की मांग को लेकर बीजेपी से 30 साल पुराना गठबंधन तोड़ने के बाद से राज्य में राजनीतिक संकट खड़ा हो गया था।

 

 

 

 

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TAGS: Devendra Fadnavis, take oath, Maharashtra CM, again, NCP, Ajit Pawar, take oath, Deputy CM
OUTLOOK 23 November, 2019
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