राम मंदिर निर्माण पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा- सुप्रीम कोर्ट को जाता है काफी कुछ श्रेय
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का वर्षों का लंबा इंतजार आज खत्म हो गया है। अयोध्या में बुधवार को एक खास मुहुर्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर की आधारशिला रखी। भूमि पूजन की सभी प्रक्रिया करने के बाद प्रधानमंत्री ने शुभ मुहूर्त के वक्त शिला रखी। प्रधानमंत्री ने शिला रखकर वहां भूमि पर प्रणाम किया। इस मौके पर बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को याद किया है।
लगातार किए गए ट्वीट्स में मायावती ने राम मंदिर का श्रेय सुप्रीम कोर्ट को दिए जाने की बात कही। मायावती ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'जैसा कि सर्वविदित है कि अयोध्या विभिन्न धर्मों की पवित्र नगरी व स्थली है। लेकिन दुःख की बात यह है कि यह स्थल राम-मन्दिर व बाबरी-मस्जिद जमीन विवाद को लेकर काफी वर्षों तक विवादों में भी रहा है। लेकिन इसका माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अन्त किया। साथ ही, इसकी आड़ में राजनीति कर रही पार्टियों पर भी काफी कुछ विराम लगाया। माननीय कोर्ट के फैसले के तहत ही आज यहां राम-मंदिर निर्माण की नींव रखी जा रही है, जिसका काफी कुछ श्रेय माननीय सुप्रीम कोर्ट को ही जाता है।''
एक अन्य ट्वीट में मायावती लिखती हैं, 'इस मामले में बी.एस.पी का शुरू से ही यह कहना रहा है कि इस प्रकरण को लेकर माननीय सुप्रीम कोर्ट, जो भी फैसला देगा, उसे हमारी पार्टी स्वीकार करेगी। जिसे अब सभी को भी स्वीकार कर लेना चाहिये। बी.एस.पी की यही सलाह है।'
इससे पहले मायावती ने दलित महामंडलेश्वर को भूमि पूजन में न बुलाए जाने पर भी नाराजगी जताई थी। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था कि भूमि पूजन में अगर बाकी साधु-संतों के साथ दलित महामंडलेश्वर को भी बुला लिया गया होता तो बेहतर होता। मायावती ने कहा कि ऐसा करने से देश में जातिविहीन समाज बनाने की संवैधानिक मंशा पर कुछ असर पड़ सकता था।
वहीं अखिलेश यादव ने भी ट्वीट करते हुए लिखा कि जय महादेव जय सिया-राम, जय राधे-कृष्ण जय हनुमान… भगवान शिव के कल्याण, श्रीराम के अभयत्व व श्रीकृष्ण के उन्मुक्त भाव से सब परिपूर्ण रहें! आशा है वर्तमान व भविष्य की पीढ़ियां भी मर्यादा पुरूषोत्तम के दिखाए मार्ग के अनुरूप सच्चे मन से सबकी भलाई व शांति के लिए मर्यादा का पालन करेंगी।
बता दें अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए आज भूमि पूजन हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमि पूजन के बाद मंदिर निर्माण के लिए पहली ईंट रखी। इस कार्यक्रम के लिए 175 प्रतिष्ठित अतिथियों को आमंत्रित किया गया था।