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15 March 2017

आप को हराने के लिए ईवीएम से हुई गड़बड़ीः केजरीवाल

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उन्‍होंने कहा कि कैसे अकाली दल को 30 फीसदी वोट मिल गए, जबकि सब मान रहे थे कि मालवा में आप को बड़ी जीत मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और सारी सीटें कांग्रेस के खाते में चली जाती हैं। यह समझ से परे है। हर विशेषज्ञों ने पंजाब में आप की जीत बताया था लेकिन फिर पार्टी की हार क्‍यों हो गई। पंजाब में आम आदमी पार्टी को रोकने के लिए कांग्रेस को जीता दिया गया। सब जानते थे की अगर अकाली चुनाव जीत जाते तो शक होता इसलिए आप को रोकने के लिए ऐसा किया गया।

केजरीवाल ने कहा कि पंजाब की जनता का जो फैसला है वो हमारे सर-माथे है और 'आप' का मुखिया होने के नाते वह हार की पूरी जिम्‍मेदारी लेता हैं। पिछले तीन-चार दिनों से हमलोगों ने चुनावी नतीजों की बड़ी बारीकी के साथ आकलन किए हैं, जिसमें कई चौकाने वाले तथ्‍य सामने आ रहे हैं। आप गंठबंधन को मात्र 24.9 फीसदी वोट मिले, जबकि अकाली दल को अकेले 30 फीसदी वोट‍ मिले हैं। यानी कांग्रेस पहले नंबर पर,दूसरे नंबर पर भाजपा-अकाली दल और तीसरे नंबर पर आप।

इस पूरे चुनाव में लोगों के बीच अकाली और बादल परिवार के लिए गुस्‍सा था क्‍योंकि अकाली सरकार ने जिस तरह से पंजाब में नशा का कारोबार फैलाया था उससे जनता परेशान हो गई थी। इसलिए पंजाब की जनता ने इस चुनाव में बादल परिवार को और अकाली को हराने के लिए मतदान किया। इसके बावजूद उनको 30 फीसदी वोट कैसे मिल गए। यह सबसे बड़ा सवाल है. सब मानते थे कि अकाली और भाजपा गंठबंधन को मात्र 6 से 7 फीसदी ही वोट मिलने चाहिए थे। सभी जानकारों ने कहा था कि पंजाब में आम आदमी पार्टी को बड़ी जीत मिल रही है।

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केजरीवाल ने कहा कि अगर ईवीएम के अंदर कोई गड़बड़ी हो सकती है तो फिर चुनाव कराने से क्‍या फायदा है। कई देशों में ईवीएम पर बैन लगा दिया गया है और जो भारतीय जनता पार्टी 2014 से पहले इवीएम के विरोध में खड़ी थी वही अब ईवीएम के सपोर्ट में खड़ी है। उन्‍होंने कहा कि बूथ समीक्षा करने के बाद गड़बड़ी की आशंका हुई।

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TAGS: अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री, पंजाब, हार, चुनाव, ईवीएम
OUTLOOK 15 March, 2017
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