'हाथ-पैर बांधने' वाले ट्वीट पर बोले हरीश रावत, 'समय आने पर दूंगा जवाब, अभी सिर्फ मजे लें'
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के मंगलवार को किए गए सिलसिलेवार ट्वीट से सियासत गरमा गई है। हरीश रावत ने आज अपनी पार्टी के लिए और परेशानी भरे संकेत दिए। उन्होंने अपने ट्वीट पर सफाई देने के बजाए संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा कि वह "समय आने पर बोलेंगे यानी जवाब देंगे।" दरअसल, रावत की ओर से मंगलवार को किए गए ट्वीट को कांग्रेस नेतृत्व के प्रति नाराजगी के तौर पर देखा जा रहा है।
एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, हरीश रावत के ट्वीट के बाद आज पत्रकारों ने उनसे सवाल पूछे। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "समय आने पर, मैं आपके साथ सब कुछ साझा करूंगा। अगर मैं आपसे बात नहीं करूंगा तो मैं और किससे बात करूंगा? मैं आपको फोन करूंगा। अभी के लिए, बस मजे लीजिए।" रावत की इस टिप्पणी से कांग्रेस नेतृत्व की चिंता और बढ़ सकती है।
वहीं, रावत के ट्वीट पर आज मनीष तिवारी ने प्रतिक्रिया दी और अपनी ही पार्टी पर तंज कसा। मनीष तिवारी ने ट्वीट किया, "पहले असम, फिर पंजाब, अब उत्तराखंड...भोग पूरा ही पाउण गे, कसर न रह जावे कोई'।
गौरतलब है कि अगले साल होने वाले उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के चेहरे के रूप में देखे जा रहे हरीश रावत ने मंगलवार को कहा था, "वह ऐसा महसूस कर रहे हैं कि उनके हाथ-पैर बांधे जा रहे हैं, ऐसा लगता है कि अब विश्राम करने का समय आ गया है।" साथ ही कहा, मुझे विश्वास है कि भगवान केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे।"
हरीश रावत ने कल ट्विटर पर लिखा, 'जिस समुद्र में तैरना है, सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं, जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिये, अब विश्राम का समय है!'
वहीं, हरीश रावत ने बदलाव के भी संकेत दिए हैं। उन्होंने लिखा, "फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है 'न दैन्यं न पलायनम्' बड़ी उपापोह की स्थिति में हूं, नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे। मुझे विश्वास है कि भगवान_केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे।"