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09 July 2021

दिल्ली हाईकोर्ट से चिराग पासवान को झटका, लोकसभा स्पीकर के फैसले के खिलाफ अर्जी खारिज, पारस के लिए राहत भरी खबर

पीटीआइ

पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान की याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में खारिज हो गई। कोर्ट ने कहा कि चिराग पासवान की याचिका में कोई आधार नहीं है। चिराग की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि पार्टी विरोधी गतिविधियों और शीर्ष नेतृत्‍व को धेाखा देने की वजह से राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष होने के नाते पशुपति कुमार पारस को पार्टी से निकाला जा चुका है।

मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा, चिराग पासवान की याचिका में कोई आधार नहीं है। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि मामला लोकसभा स्पीकर के पास पेडिंग है। लिहाजा आदेश देने की कोई जरूरत नहीं है।

चिराग पासवान की ओर से कहा गया था कि पार्टी से निकाले जाने के कारण पशुपति पारस एलजेपी के सदस्‍य नहीं हैं। चिराग ने लोकसभा अध्‍यक्ष ओम बिड़ला के उस फैसले को कोर्ट में चुनौती दी थी जिसमें उनके चाचा केंद्रीय खाद्य प्रसंस्‍करण मंत्री पशुपति कुमार पारस के गुट को मान्‍यता दी है। इसी मामले में आज कोर्ट में सुनवाई हुई। सभी को फैसले का इंतजार था, कोर्ट ने अपने फैसले में याचिका को खारिज कर दिया है।

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दरअसल केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में एलजेपी के सांसद पशुपति पारस को मंत्री बनाए जाने और उससे पहले लोकसभा में एलजेपी संसदीय दल के नेता बनाने के दोहरे झटके से तिलमिलाए चिराग पासवान ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

जानें क्या है मामला

13 जून की शाम से एलजेपी में विवाद शुरू हुआ था। इसके अगले दिन चिराग को छोड़कर बाकी सभी सांसदों ने संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई थी। मीटिंग में हाजीपुर से सांसद पशुपति पारस को संसदीय बोर्ड का नया अध्यक्ष चुना गया था। इसकी सूचना लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिड़ला को दी गई थी। इसके बाद लोकसभा सचिवालय ने पारसको मान्यता दे दी। फिर चिराग ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई और पांचों बागी सांसदों को पार्टी से निकाल दिया।

 

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TAGS: HC, dismisses, Chirag Paswan, plea, challenging, LS Speaker, decision, recognise, Paras, as LoP
OUTLOOK 09 July, 2021
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