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11 November 2022

गरजे हेमन्‍त सोरेन कहा- ईडी, सीबीआई से डरने वाला नहीं अगलीबार 52 से बढ़कर 75 पर करेंगे कब्‍जा

विधानसभा में 1932 के खतियान आधारित स्‍थानीयता नीति और ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण से संबंधित विधेयक विधानसभा से पास कराकर बाहर निकलते हुए हेमन्‍त विपक्ष पर हमलावर और आत्‍मविश्‍वास से भरे दिखे। गरजते हुए कहा कि अभी विधानसभा में 52 सीट है अगली बार 75 पर कब्‍जा करेंगे। विपक्ष साजिश में लगा है मगर सरकार न रुकी है न रुकेगी। राज्‍य के ज्‍वलंत विषय पर सरकार ने लगभग सारे निर्णय ले लिये हैा। संवैधानिक प्रक्रिया से इन कानूनों (आज पास दोनों विधेयक) का कवच का मार्ग प्रशस्‍त किया है अब केंद्र को इस पर आखिरी निर्णय लेना है। इसे हमने नौवीं अनुसूची में लेने का निर्णय किया। भाजपा शासित राज्‍य ने भी नौवीं अनुसूची में भेजने का काम कर रही है। जो संवैधानिक लोकतांत्रिक व्‍यवस्‍था है। अब दिल्‍ली जाकर जनता अपने अधिकार पर मुहर का गुहार लगाती रहेगी।

भाजपा की ओर इशारा करते हुए कहा कि उन्‍हें लगता है जेल के माध्‍यम से तरह-तरह के आरोप लगा हमारा वजूद खत्‍म करेगी। दिशोम गुरू कई बार जेल गये। आज अलग राज्‍य बनाकर दिया और आज हमने 1932 और ओबीसी को दिया। ऐसे आंदोलनों को अंजाम तक पहुंचाने में रोड़े तो आते हैं। भाजपा द्वारा पैदा रोड़ा है इससे न हमारी छवि खराब हो सकती है न गति रुक सकती है। अभी 52 सीटें पर हैं अगली बार 75 की संख्‍या में रहेंगे।

हेमन्‍त सोरेन ने कहा आज का दिन ऐतिहासिक दिन है। ग्‍यारह नवंबर 1908 को सीएनटी लागू हुआ। पिछले साल 11 को ही सरना कोड सदन से पास हुआ। आज 1932 के खतियान आधारित स्‍थानीयता नीति और ओबीसी राज्‍य की जनता को देने का निर्णय किया। यह राज्‍य सन् 2000 में राज्‍य बना, दुर्भाग्‍य कि राज्‍य बनने के बाद बागडोर ऐसे लोगों के हाथ चला गया जिसने ओबीसी के 27 प्रतिशत के आरक्षण को खत्‍म किया, स्‍थानीय बेरोजगार युवाओं के साथ खिलवाड़ हुआ। 20 साल में यहां के किसान, मजदूर, नौजवान, सरकारी कर्मी, अनुबंधकर्मी पर जो अत्‍याचार हुआ किसी से छुपा नहीं है। लोग जानते हैं आदिवासी दलित, अल्‍पसंख्‍यक, पिछड़ा बहुल राज्‍य में दर्द का क्‍या आलम था। सीएम का लोग अपने अधिकार के लिए घेराव करते थे आज फूलमाला गुलाल, बधाई से सीएम मंत्रियों, विधायकों का स्‍वागत हो रहा है। इस राज्‍य में आशा और उम्‍मीद जगी है। आप गांव-गांव जाकर देखें उत्‍साह और खुशी का माहौल है।

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वहीं विपक्ष केंद्रीय एजेंसी संवैधानिक संस्‍थाओं के माध्‍यम से षडयंत्र के प्रयास में लगा हैं। आज का निर्णय राजनीतिक दलों, जनमानस, यहां के मूलवासी आदिवासी और बाहर से आये लोगों के लिए भी महत्‍वपूर्ण है। हर राज्‍य में राज्‍यवासियों को अधिकार देने के लिए नियम कानून बनाये जाते हैं और प्रवासी लोगों यानी बाहर से आये लोगों के संरक्षण के लिए भी काम सरकार करती है। आज सरकार विशुद्ध रूप से साल भर ही काम कर पाई है। दो साल कोरोना में गया। सुधार हो ही रहा था, जन कल्‍याण, विकास के काम पर सरकार प्रयासरत थी कि सरकार गिराने, विधायको को खरीदने, सरकारी एजेंसियों का इस्‍तेामल का काम शुरू तेज हो गया।

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TAGS: Jharkhand, Jharkhand CM, Hemant Soren, ED and CBI
OUTLOOK 11 November, 2022
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