फारूख अब्दुल्ला का 'तालिबानी' राग, कहा- इस्लामिक उसूलों पर अफगानिस्तान में अच्छी सरकार चलाएगा
अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार के गठन पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला ने तालिबान के समर्थन में अपना बयान दिया है। बुधवार को फारुख अब्दुल्ला ने कहा है कि तालिबान इस्लामिक उसूलों के आधार पर अच्छी तरह से सरकार चलाएगा। जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया है। राजनीतिक दल और आम जनता सवाल उठा रहे हैं कि भारत में अब्दुल्ला को सेक्यूलर कंट्री चाहिए और अफगानिस्तान में इस्लामिक उसूल।
मीडिया से बात करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष और पूर्व सीएम डॉ. फारुख अब्दुल्ला ने कहा, "अफगानिस्तान एक अलग मुल्क है। उन्हें अब मुल्क को संभालना है। मैं यही उम्मीद करुंगा कि वे हरएक के साथ इंसाफ करेंगे और एक अच्छी हुकुमत चलाएंगे। इस्लामिक उसूलों पर एक अच्छी सरकार चलाएंगे। उन्हें कोशिश करनी चाहिए कि हर मुल्क के साथ अच्छे संबंध बनाएं।"
तालिबान के धार्मिक नेता मुल्ला हिबतुल्ला अखुंदजादा ने अफगानिस्तान के नए मंत्रिमंडल की घोषणा के बाद एक बयान जारी कर कहा कि नया मंत्रिमंडल तुरंत अपना काम शुरू कर देगा। अखुंदजादा ने कहा, 'इस्लामिक अमीरात के अधिकारियों द्वारा देश के मामलों को नियंत्रित करने और चलाने के लिए एक कार्यवाहक और प्रतिबद्ध कैबिनेट की घोषणा की गई है, जो जल्द से जल्द काम करना शुरू कर देगा। मैं सभी देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि सरकार इस्लामी नियमों को बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत करेगी और देश में शरिया कानून, देश के सर्वोच्च हितों की रक्षा करना, अफगानिस्तान की सीमाओं को सुरक्षित करना और स्थायी शांति, समृद्धि और विकास सुनिश्चित करना मुकम्मल करेंगे।'
दरअसल तालिबान ने मंगलवार को घोषणा की है कि मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद अफगानिस्तान की नई सरकार का नेता होगा। अखुंद इस समय तालिबान के निर्णय लेने वाले शक्तिशाली निकाय रहबरी शूरा या नेतृत्व परिषद का प्रमुख है।