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03 August 2015

ऐसे कितने दिन चलेगा भाजपा शिवसेना गठबंधन

पीटीआइ

यूं तो कोल्हापुर निकाय चुनाव का ऐसा कोई ‌खास सियासी महत्व नहीं है मगर राज्य की राजनीति के जानकार इसे दोनों दलों द्वारा अपनी-अपनी ताकत के आकलन से जोड़कर देख रहे हैं। कोल्हापुर शिवसेना का गढ़ है और पिछले विधानसभा चुनाव में भी भाजपा की लहर के बावजूद यहां की सीट शिवसेना ने भाजपा को 25 हजार वोटों के बड़े अंतर से हराकर जीती थी। कोल्हापुर जिले की 10 विधानसभा सीटों में 6 पर शिवसेना का कब्जा है जबकि दो-दो सीटें भाजपा और राकांपा के पास हैं। स्‍थानीय निकाय चुनाव में यहां 81 सीटें हैं।

वैसे शिवसेना अपने इस फैसले के लिए भी भाजपा को ही जिम्मेदार ठहरा रही है और उसका कहना है कि भाजपा ने कोल्हापुर में स्थानीय राजनीतिक संगठन तारा रानी समूह से चुनाव पूर्व गठबंधन का फैसला कर लिया है। यह कांग्रेस के विधान पार्षद महादेव महादिक द्वारा स्‍थापित संगठन है। जब भाजपा गुपचुप तरीके से कांग्रेस नेताओं से पींगे बढ़ा रही है तो शिवसेना को अपना रास्ता अलग देखना ही पड़ेगा। वैसे भी शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे यह साफ कर चुके हैं कि उनकी पार्टी राज्य की सत्ता पर अपने दम पर काबिज होना चाहती है और इस वक्त भाजपा की सरकार को उसका समर्थन सिर्फ राज्य को राजनीतिक अस्थिरता से बचाने के लिए है। हालांकि यहां शिवसेना ने चुनावों के लिए आरपीआई (ए) और शेतकारी संगठन सांसद राजू शेट्टी से गठबंधन की पेशकश की है।

बीते कुछ समय से भाजपा के नेता भी ऐसे बयान देते रहे हैं कि वह जल्दी से जल्दी शिवसेना के समर्थन से पल्ला झाड़ने की ताक में हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राव साहेब दानवे कई बार दावा कर चुके हैं कि दूसरी पार्टियों के 21 से ज्यादा विधायक उनके संपर्क में हैं। वैसे कांग्रेस या एनसीपी में से किसी भी पार्टी में विधायकों के दल-बदल के लिए कम से कम 28 विधायकों की जरूरत है और इतने विधायकों का टूटना आसान नहीं है। ऐसे में सरकार सुचारू रूप से चलाते रहने के लिए भाजपा को शिवसेना की जरूरत पड़नी ही है। दूसरी ओर शिवसेना लगातार 15 वर्ष से विपक्ष में रही है, उसे मुश्किल से सत्ता का स्वाद चखने को मिला है इसलिए वह भी मौका खोना नहीं चाहती। यही वजह है कि तमाम कटु बयानबाजी के बावजूद राज्य सरकार चलाने में दोनों पार्टियां मजबूती से साथ हैं।

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TAGS: भाजपा, शिवसेना, गठबंधन, कोल्हापुर, निकाय चुनाव, उद्धव ठाकरे, BJP, Shiv Sena, combine, Kolhapur, local elections, Uddhav thakray
OUTLOOK 03 August, 2015
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