मुलायम बोले, 'अखिलेश को आशीर्वाद... नहीं बना रहा हूं नई पार्टी'
मुलायम सिंह यादव ने आज साफ किया कि वह नई पार्टी का गठन नहीं कर रहे हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने कहा, "अखिलेश मेरे पुत्र तो उनको मेरा आशीर्वाद। लेकिन मैं उनके फैसले से सहमत नहीं हूं। जो जुबान का पक्का नहीं, वह कामयाब नहीं हो सकता। अखिलेश के जिन फैसलों से खुश नहीं वह जल्द बताऊंगा।"
#WATCH Live: Mulayam Singh Yadav addresses a press conference in Lucknow https://t.co/agh6IKTd8S
— ANI (@ANI) 25 September 2017
इस दौरान उन्होंने भाजपा सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने तीन साल में कोई वादा पूरा नहीं किया। मोदी सरकार की नोटबंदी ने लोगों की कमर तोड़ दी। यूपी में कानून का शासन खत्म हो गया है. बीएचयू में लड़कियां सुरक्षित नहीं हैं। यूपी सरकार की कथनी और करनी में बहुत फर्क है. गांव तो छोड़ लखनऊ में भी बिजली नहीं है। यूपी में योगी सरकार के बिजली के संबंध में सारे वादे फेल हो गए हैं।
गौरतलब है कि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कल रात अखिलेश यादव से कोई समझौता नहीं हो पाने के बाद कयास लगाया जा रहा था कि 25 सितंबर को नई पार्टी की घोषणा हो सकती है। मुलायम की नई पार्टी का नाम 'अखिल भारतीय समाजवादी पार्टी' हो सकता है। यादव खानदान की पारिवारिक लड़ाई लंबे समय से चली आ रही है। दो गुट बने हुए हैं। इसमें मुलायम और उनके छोटे भाई शिवपाल एक तरफ और अखिलेश और मुलायम के चचेरे भाई रामगोपाल यादव दूसरी तरफ माने जाते हैं। शनिवार को हुई समाजवादी पार्टी के राज्य सम्मलेन में मुलायम नहीं पहुंचे थे।
मुलायम के बयानों पर गौर करें तो परिवार और पार्टी में दरार के पीछे वह राम गोपाल यादव को ही दोषी मानते हैं। यही कारण है कि पिछले दिनों लोहिया ट्रस्ट की बैठक में अध्यक्ष के तौर पर मुलायम सिंह यादव ने राम गोपाल यादव को बाहर का रास्ता दिखा दिया।
उधर समाजवादी पार्टी पर अखिलेश यादव और राम गोपाल यादव पूरी तरह से काबिज हो चुके हैं। मुलायम पार्टी के संरक्षक जरूर हैं, लेकिन वह किसी भी कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेते। वहीं शिवपाल की हैसियत भी पार्टी में सिर्फ विधायक की ही रह गई है।
प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनाव के वक्त जब सपा की लड़ाई चरम पर थी और मुलायम ने खुद को पार्टी के मामलों से लगभग अलग कर लिया था। उस वक्त भी उनके अलग पार्टी बनाकर चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही थीं। उस समय भी लोकदल अध्यक्ष सुनील सिंह ने उनसे अपनी पार्टी के निशान पर चुनाव लड़ने की पेशकश की थी।