शशिकला को स्वीकार नहीं कर सकती : जयललिता की भतीजी
अन्नाद्रमुक के संस्थापक एमजी रामचन्द्रन की जन्मशती पर दीपा ने अपने आवास पर बड़ी संख्या में अन्नाद्रमुक के कार्यकर्ताओं का स्वागत किया तथा एमजीआर को पुष्पांजलि दी।
राजनीति में आने संबंधी दीपा की घोषणा के बाद बड़ी संख्या में उनके समर्थकों ने आवास पर एकत्र होकर पटाखे जलाए तथा मिठाईयां बांटीं।
टी. नगर स्थित दीपा के आवास के बाहर समर्थक उन्हें जयललिता का उत्तराधिकारी बताने वाले बैनर लिए जमा थे। सैकड़ों की संख्या में समर्थकों के एकत्र होने से आसपास के क्षेत्रों में यातायात प्रभावित होने लगा। यह पूछने पर कि क्या वह वीके शशिकला को स्वीकार करती हैं या उनका विरोध करती हैं, दीपा ने कहा, मैं पुराची थलैवार एमजीआर और पुराची थलैवी अम्मा के अलावा अन्य किसी को स्वीकार नहीं कर पाउंगी....मैं उनके :अम्मा: स्थान पर किसी को स्वीकार नहीं कर रही हूं।
यह पूछने पर कि वह शशिकला को क्यों स्वीकार नहीं कर सकतीं, जबकि अन्य नेताओं ने कर लिया है और क्या उनके साथ कोई व्यक्तिगत परेशानी है, दीपा ने कहा, मेरे विचार सिर्फ लोगों की इच्छाओं पर आधारित हैं। कुछ भी व्यक्तिगत नहीं है।
शशिकला पर किए गए सवालों पर उन्होंने कहा, उन्हें किसी से डर नहीं लगता, लेकिन व्यक्तिगत टिप्पणी करना मेरी प्रकृति में नहीं है। इन दावों पर कि जयललिता के पीछे शशिकला का परिवार ही दिमाग था, दीपा ने कहा, यह गलत धारणा मालूम होती है, क्योंकि अम्मा अभूतपूर्व क्षमतावान थी, वह अपनी सोच पर आधारित स्वतंत्रा फैसले लेती थी।
यह पूछने पर कि शशिकला के हाथों में अन्नाद्रमुक की बागडोर से वह खुश हैं या नाखुश, दीपा ने दावा किया, मैं समाज के बड़े तबके के साथ रहूंगी। दीपा जयकुमार ने कहा कि शशिकला को शीर्ष पद पर नामित करने का फैसला बहुत जल्दी में लिया गया है और कई लोगों के विचारों को नजरअंदाज किया गया। शशिकला को पिछले महीने अन्नाद्रमुक की कार्यकारिणी की बैठक में महासचिव नामित किया गया।
जयललिता के पोएस गार्डन स्थित महलनुमा आवास सहित उनकी संपत्ति के बारे में सवाल करने पर दीपा ने कहा, मुझे कभी किसी की संपत्ति का लालच नहीं रहा। मुझे इसपर कोई टिप्पणी नहीं करनी है... मुझे खुशी होगी यदि मेरी बुआ द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली कलम यादगार के रूप में मिले।
यह पूछने पर कि क्या उनकी बुआ की कोई वसीयत भी है, उन्होंने कहा, मैं नहीं जानती। अपनी बुआ के अच्छे कार्यों को जारी रखने की बात करते हुए दीपा ने कहा, मेरी शक्ल और दिल दोनों उनकी तरह हैं। जयललिता के आवास का राष्ट्रीयकरण करके उसे स्मारक घोषित करने के विचारों पर उन्होंने कहा, आपको ऐसे सवाल जनता से पूछने चाहिए। उन्होंने कहा कि वह जनता के विचारों को स्वीकार करेंगी।
शशिकला के भाई दीवाकरण के दावे पर कि उनका परिवार पिछले 30 सालों से जयललिता की सुरक्षा कर रहा है, दीपा ने कहा, मुझे लगता है कि भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है...सभी को अपने विचार देने का अधिकार है....मैं यह नहीं कहना चाहती कि यह सही है या गलत।
राजनीति में अनुभवहीनता पर किए गए सवालों के जवाब में दीपा ने कहा कि लोगों की बेहतरी के लिए काम करने वाला कोई भी व्यक्ति राजनीति में आ सकता है। यह पूछने पर कि क्या मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम अच्छा काम कर रहे हैं, उन्होंने कहा, कई लोगों के विचार में, मुझे लगता है कि वह अच्छा कर रहे हैं।
यह पूछने पर कि क्या वह अपनी बुआ की आरके नगर सीट पर हो रहे उपचुनाव में हिस्सा लेंगी, दीपा ने कहा, मैं चुनाव लड़ूंगी...मैं अभी सीट के बारे में नहीं बता सकती और यही कारण है कि जनता का विचार जानने के लिए मैं यात्रा कर रही हूं। भाषा