राज्यसभा चुनावः बसपा विधायक अनिल सिंह ने दिया भाजपा को वोट, अांबेडकर की जीत पर सस्पेंस
उत्तर प्रदेश में दस राज्यसभा सीटों के लिए चल रहे चुनावों में बसपा को बड़ा झटका लगा है। विधानभवन के बाहर उन्नाव की पुरवा सीट से बसपा विधायक अनिल सिंह ने कहा, 'मैंने भाजपा के लिए वोट किया है, बाकी के बारे में मुझे कुछ नहीं पता।' इससे साफ हो गया कि भाजपा बसपा के खेमे में सेंधमारी करने में कामयाब रही।
I have voted for BJP, I don't know about the rest: Anil Singh, BSP MLA #RajyaSabhaElections pic.twitter.com/28R7njmfnP
— ANI UP (@ANINewsUP) March 23, 2018
राज्यसभा चुनाव को उत्तर प्रदेश के समीकरण ने और भी ज्यादा दिलचस्प बना दिया है।चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा और सपा-बसपा के बीच महज एक सीट को लेकर प्रतिष्ठा की लड़ाई है। उत्तर प्रदेश के कोटे में राज्यसभा के लिए दस सीटें हैं लेकिन एक सीट पर वोटों के समीकरण कुछ इस तरह है कि भाजपा, सपा-बसपा इसे जीतने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। माना जा रहा है कि इस एक सीट पर भाजपा के अनिल अग्रवाल और बसपा के उम्मीदवार भीमराव अांबेडकर में टक्कर देखने को मिल सकती है।
क्रॉस वोटिंग के दावे
सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा है कि सपा का कोई भी विधायक राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग नहीं करेगा। अगर क्रॉस वोटिंग की स्थिति बनती है तो भाजपा विधायक सपा को लिए वोट करेंगे।
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश से नौ भाजपा के उम्मीदवार राज्यसभा में प्रवेश करेंगे।
शिवपाल यादव ने कहा, 'मैं समाजवादी पार्टी के विधायकों के बारे में पूरे यकीन से कह सकता हूं कि एक भी विधायक नहीं टूटेगा लेकिन क्रॉस वोटिंग अगर होती है तो एक तरफ से नहीं होगी। अगर हमारी तरफ से हुई तो दूसरी तरफ से भी होगी।'
जीत का ये है गणित
राज्यसभा की दस सीटों के लिए भाजपा के आठ और सपा का एक उम्मीदवार का जीतना तय है। 10 वीं सीट पर सस्पेंस बना हुआ है और इसके लिए सभी पार्टियां क्रॉस वोटिंग के लिए जोर आजमाइश कर रही हैं। भाजपा के नौ उम्मीदवार मैदान में है। सपा से जया बच्चन और बसपा से भीमराव अांबेडकर चुनाव लड़ रहे हैं। इससे कौन जीतेगा, इसे लेकर सभी के दावे हैं।
फिरोजाबाद जेल में बंद सपा के हरिओम यादव को वोटिंग की अनुमति न मिलने और नितिन अग्रवाल के पाला बदलने के बाद सपा के पास 45 विधायक बचे हैं। मुख्तार अंसारी के बांदा जेल में होने व अनिल सिंह के भाजपा के पाले में जाने से बसपा विधायकों की संख्या 17 रह गई है। बसपा को कांग्रेस के सात, दो निर्दलीय और आरएलडी के एक विधायक का समर्थन है।
इस हिसाब से सपा-बसपा उम्मीदवारों के लिए कुल 72 वोट हैं। जीतने के लिए 36.55 (37) वोट चाहिए। ऐसे में एक प्रत्याशी के पास 35 वोट ही बचेंगे। वहीं, भाजपा के पास गठबंधन सहित 28 अतिरिक्त वोट हैं। दो वोट बागियों के, एक निर्दलीय और निषाद पार्टी का एक वोट मिलाकर संख्या 32 पहुंचती है। भाजपा जीत में दूसरी वरीयता के वोटों को मानकर चल रही है।