कांग्रेस लिखकर दे तो असम में गोमांस पर प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार हूं: हिमंत विश्व शर्मा
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि अगर प्रदेश कांग्रेस प्रमुख भूपेन कुमार बोरा उन्हें पत्र लिखकर गोमांस पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध करें तो वह ऐसा करने के लिए तैयार हैं।
मुस्लिम बहुल सामगुड़ी विधानसभा सीट पर हुआ उपचुनाव जीतने के लिए भाजपा पर लगे गोमांस वितरित करने के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए शर्मा ने कहा कि उन्हें खुशी है कि कांग्रेस ने इस मामले को उठाया। इस सीट पर पहले लगातार पांच बार कांग्रेस को जीत मिली थी।
शर्मा ने शनिवार को भाजपा की बैठक के बाद पत्रकारों से कहा, ‘‘सामगुड़ी सीट 25 साल तक कांग्रेस के पास रही। सामगुड़ी जैसे निर्वाचन क्षेत्र में 27,000 मतों के अंतर से हारना कांग्रेस के इतिहास की सबसे बड़ी शर्म की बात है। यह भाजपा की जीत से ज्यादा कांग्रेस की हार है।’’
पिछले महीने हुए उपचुनाव में भाजपा के दिप्लू रंजन शर्मा ने कांग्रेस सांसद रकीबुल हुसैन के बेटे तंजील को 24,501 मतों के अंतर से हराया था।
सांसद की कथित टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘दुख के बीच रकीबुल हुसैन ने एक अच्छी बात कही कि गोमांस खाना गलत है, है न? उन्होंने कहा है कि मतदाताओं को गोमांस परोसकर कांग्रेस-भाजपा का चुनाव जीतना गलत है।’’
शर्मा ने सवाल किया, ‘‘मैं जानना चाहता हूं कि क्या कांग्रेस मतदाताओं को गोमांस की पेशकश करके सामगुड़ी जीत रही थी। वह सामगुड़ी को अच्छी तरह से जानते हैं। क्या इसका मतलब यह है कि गोमांस की पेशकश करके सामगुड़ी जीता जा सकता है?’’
शर्मा ने कहा, ‘‘मैं रकीबुल हुसैन से कहना चाहता हूं कि गोमांस पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने खुद कहा है कि यह गलत है। उन्हें मुझे केवल लिखित में देने की जरूरत है कि न तो भाजपा और न ही कांग्रेस को गोमांस के बारे में बोलना चाहिए, बल्कि असम में इसे प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। अगर हम ऐसा करते हैं, तो सभी समस्याएं हल हो जाएंगी।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह हुसैन के बयान की पृष्ठभूमि में गोमांस पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का रुख जानने के लिए उन्हें पत्र लिखेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं भूपेन बोरा को पत्र लिखकर पूछूंगा कि क्या वह भी रकीबुल हुसैन की तरह गोमांस पर प्रतिबंध लगाने का समर्थन करते हैं, और अगर ऐसा है तो मुझे बता दें। मैं गोमांस पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दूंगा।”
शर्मा ने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि रकीबुल हुसैन ने यह बयान दिया है, क्योंकि कम से कम एक कदम तो उठाया गया है। अब दूसरा कदम भूपेन बोरा को उठाना चाहिए।’’
असम में गोमांस का सेवन गैरकानूनी नहीं है, लेकिन असम मवेशी संरक्षण अधिनियम 2021 के तहत हिंदू, जैन और सिखों की बहुसंख्या वाले क्षेत्रों तथा किसी मंदिर या सत्र (वैष्णव मठ) के पांच किलोमीटर के दायरे में मवेशी वध और गोमांस की बिक्री पर प्रतिबंध है।