जरांगे की टिप्पणी: विधानसभाध्यक्ष ने दिए एसआईटी जांच के निर्देश
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने मंगलवार को सरकार को उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के खिलाफ मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे की विवादास्पद टिप्पणी की एसआईटी गठित कर व्यापक जांच करने का निर्देश दिया।
यह मुद्दा निचले सदन में आशीष शेलार (भाजपा) ने उठाया। उन्होंने कहा कि हिंसा भड़काने के लिए उकसाने वाली भाषा का लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है। भाजपा नेता ने कहा, “हम जरांगे की मांगों का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन फडणवीस के खिलाफ उनकी धमकी भरी टिप्पणियों के आलोचक हैं।”
विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने सरकार को विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित कर विस्तृत जांच कराने का निर्देश दिया।
सदन में फडणवीस ने कहा कि उन्हें जरांगे से कोई शिकायत नहीं है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि एसआईटी जांच करेगी कि वह किसकी ‘भाषा’ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा, “जरांगे ने भले ही मेरे खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाए हों। लेकिन पूरा मराठा समुदाय मेरा समर्थन करता है।” वहीं, छत्रपति संभाजीनगर में जरांगे ने कहा कि अगर उनकी जांच के लिए एसआईटी गठित की जा रही है तो जांच पूरी होनी चाहिए।
पत्रकारों से बातचीत में जरांगे ने कहा, “अगर वे (भाजपा) सत्ता में लौटना चाहते हैं, तो उन्हें मुझे किसी चीज में फंसाना होगा। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे मुझे कहां ले जाते हैं, मुझे किसी का (राजनीतिक) समर्थन या वित्तीय समर्थन नहीं है। मेरी जाति मेरी आदर्श है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि क्या जांच की जाएगी, मैं बेदाग रहूंगा।”
जरांगे ने गहन जांच की मांग करते हुए कहा, “उन्हें पिछले साल अंतरवाली सरती गांव में हुई हिंसा की भी जांच करनी चाहिए कि सबसे पहले किसने हमला किया। उन्हें इस बात की जांच करनी चाहिए कि प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज का आदेश किसने दिया था।” जरांगे ने कहा, “अगर वे मुझे जेल में डालना चाहते हैं तो छह करोड़ मराठा मेरे पीछे आएंगे।”
उधर, महाराष्ट्र विधान परिषद में भाजपा नेता प्रवीण दरेकर ने जरांगे की उपमुख्यमंत्री फडणवीस के खिलाफ आक्रामक टिप्पणियों पर नाराजगी जताई और इसके लिए वरिष्ठ राजनेता शरद पवार को दोषी ठहराने की मांग की।
विपक्षी दलों के सदस्यों ने इस पर आपत्ति जताई, जिससे सदन में हंगामा हो गया और सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
भाजपा विधायक दरेकर ने राज्य विधानमंडल के उच्च सदन में यह मुद्दा उठाया। उन्होंने दावा किया कि शरद पवार, जालना विधायक राजेश टोपे और रोहित पवार सहित राकांपा-शरदचंद्र पवार नेताओं ने जरांगे के साथ बैठक की और सुनिश्चित किया कि कार्यकर्ता राज्य में अशांति पैदा करें।