जदयू में खलबली: पूर्व मंत्री और सांसद सहित 21 नेताओं को पार्टी ने दिखाया बाहर का रास्ता
बिहार में भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने से जदयू में में खलबली मची हुई है। पूर्व अध्यक्ष शरद यादव और अली अनवर के द्वारा खुलकर विरोध जताने के बाद अब पार्टी ने 21 नेताओं को निलंबित कर दिया है।
ये प्रमुख नेता हुए निलंबित
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, बिहार जदयू के अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने विधायक रमई राम और पूर्व एमपी अर्जुन राय समेत 21 नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने को लेकर सस्पेंड किया है।
#Bihar JDU state president Vashistha Narayan Singh suspended 21 party members from their primary memberships over anti-party activities. pic.twitter.com/yEXoYyzOJI
— ANI (@ANI) 14 August 2017
दूसरी तरफ, जदयू के प्रवक्ता केसी त्यागी ने आज संवाददाता सम्मेलन कर पार्टी में विभाजन होने के दावों को आज सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि शरद यादव की गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखी जा रही है।
त्यागी ने कहा, "शरद यादव ने स्वेच्छा से पार्टी को त्याग दिया है। शरद जदयू के सीनियर नेता रहे हैं। उनकी ओर से जैसे संकेत मिल रहे हैं, उससे तो यही लगता है कि उन्होंने पार्टी को त्याग दिया है। जदयू से उनके निकाले जाने पर कोई बात नहीं हुई।
शरद पर जदयू के बोल
इससे पहले जदयू ने शरद यादव को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के लिए कहा। जदयू के प्रवक्ता अजय आलोक ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, "अगर शरद यादव पार्टी के खिलाफ प्रदर्शन करते हैं या फिर नीतीश कुमार के खिलाफ अभियान चलाते हैं तो उन्हें राज्यसभा से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा, "शरद यादव को राज्यसभा में पार्टी का पक्ष रखने के लिए पद दिया गया था ना कि किसी दूसरे काम के लिए। इसलिए अगर उनमें थोड़ी भी शर्म हैं तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।"
अजय आलोक ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अगर जरा सी भी शर्म बची हो तो शरद यादव को राज्य सभा की सदस्यता छोड़ देनी चाहिए। उनके मुताबिक, यह समय ऐसा है जब शरद यादव को अपना अहम छोड़कर राज्य सभा को शीर्ष प्राथमिकता देनी चाहिए।