सरफराज के इस्तीफे के बाद चढ़ा झारखंड का पारा, हेमंत ने बुलाई के मंत्री, विधायकों की बैठक, ईडी को भेजा बंद लिफाफा
गिरिडी जिला के गांडेय से झामुमो विधायक सरफराज अहमद के अचानक इस्तीफे के बाद झारखंड का सियासी पारा गरम हो गया है। सरफराज के इस्तीफे के बाद राजनीतिक हलकों में यह कयास तेज हो गया है विकल्पहीनता में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी कुर्सी अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को सौंप सकते हैं।
रांची जमीन घोटाला मामले में हेमंत सोरेन को ईडी के सातवें समन और अंतिम समन और खुद के नाम माइनिंग लीज मामले में राजभवन में पड़ा चुनाव आयोग की सिफारिश वाला बंद लिफाफा को संभावित नेतृत्व परिवर्तन की वजह माना जा रहा है। सोमवार एक जनवरी को विधानसभा सचिवालय ने सरफराज अहमद के इस्तीफे का आदेश जारी कर दिया। सरफराज के अचानक उठे कदम के बाद राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गईं। इधर मंगलवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय सचिव विनोद पांडेय ने यह बताकर हलचल और तेज कर दी कि तीन जनवरी को मुख्यमंत्री अवास में सहयोगी दलों (झामुमो, कांग्रेस, राजद) के सभी मंत्रिओं और विधायकों की बैठक बुलाई गई है।
बैठक अपराहृन 4.30 बजे से होगी। बैठक कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास (पुराना) के सभागार में बुलाई गई है। इससे पहले मंगलवार की सुबह हेमंत सोरेन के बुलाने पर राज्य के महाधिवक्ता का सीएम हाउस पहुंचे उनके साथ हेमंत सोरेन के भरोसेमंद सचिव भी थे। इसे लेकर चर्चा का बाजार गरम रहा कि ईडी और विकल्पहीनता के मसले पर तकनीकी पहलुओं पर मंत्रणा हो रही है। बाद में मुख्यमंत्री सीएम आवास से सील बंद लिफाफा लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय का एक स्टाफ दिन में ईडी कार्यालय पहुंचा। बंद लिफाफे में क्या है अभी स्पष्ट नहीं हो सका है।
ईडी ने 29 दिसंबर को ही सातवां समन जारी करते हुए कहां और कब पूछताछ हो इसे लेकर दो दिनों में उत्तर मांगा था मगर दो दिनों में हेमंत सोरेन का जवाब नहीं पहुंचा। इधर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और झारखंड के नये प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर दो दिवसीय दौरे पर पहली बार दो फरवरी को झारखंड पहुंचे। पार्टी नेताओं, विधायक दल, पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी आदि के साथ इनकी बैठक होनी है।
वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने दुमका में मीडियाकर्मियों से कहा कि राज्य में संविधान का मजाक उडाया जा रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जेल जाने से पहले अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं। हालांकि समय सीमा को देखते हुए उप चुनाव की गुंजाइश नहीं रह गयी है। बदले हुए हालात में राज्यपाल विधि विशेषज्ञों से कानूनी परामर्श लेकर फैसला करें ताकि संवैधानिक अधिकारों की रक्षा हो सके।
ताजा प्रकरण में अपने पोस्ट से बवाल मचाने वाले गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने एक्स पर आज पोस्ट कर लिखा कि ''मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी परेशान, उनके सचिव चौबे जी से लेकर महाधिवक्ता मिश्रा जी गांडेय उप चुनाव कराने के लिए परेशान, विधायक दल की बैठक कल, राज्यपाल के पास अपना इस्तीफा व कल्पना सोरेन जी को विधायक दल का नेता बनाने वाला पत्र राज्यपाल महोदय को एक साथ देने की तैयारी ।'' बहरहाल हेमंत सोरेन को ईडी का जवाब, ईडी का निर्णय और कल हेमंत के मंत्रियों, विधायकों की बैठक के बाद सियासी तस्वीर और साफ होगी।