नजीब जंग से मिले केजरीवाल और सिसौदिया
सूत्रों ने कहा कि इस बैठक में केजरीवाल ने उपराज्यपाल को एसीबी की शक्तियों के बारे में दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले और मुद्दे पर अपनी राय से अवगत कराया। यह बैठक करीब 20 मिनट तक चली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और मुख्य सचिव के के शर्मा भी केजरीवाल के साथ थे।
यह बैठक ऐसे दिन हुई है जब दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र शुरू हुआ है। विधानसभा का यह सत्र केंद्र द्वारा जारी की गई उस अधिसूचना पर चर्चा के लिए बुलाया गया है जिसमें नौकरशाहों की नियुक्तियों और पुलिस एवं सार्वजनिक व्यवस्था से जुड़े मुद्दों में उपराज्यपाल को पूरा अधिकार दिया गया है। 21 मई को जारी इस अधिसूचना में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एसीबी को केंद्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ कोई मामला दर्ज करने से भी रोक दिया है।
सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल ने उपराज्यपाल को विधानसभा के दो दिवसीय सत्र के एजेंडे से अवगत कराया और कारगर शासन को सुनिश्चित करने के लिए जंग के साथ काम करने की अपनी इच्छा जताई। वरिष्ठ नौकरशाह शकुंतला गैमलिन को उपराज्यपाल द्वारा दिल्ली का कार्यवाहक मुख्य सचिव नियुक्त किए जाने पर पिछले हफ्ते सत्तारूढ़ आप और जंग के बीच जोरदार टकराव शुरू हो गया था। केजरीवाल ने उपराज्यपाल के अधिकारों पर सवाल खड़े किए थे और उन पर प्रशासन पर काबिज होने का प्रयास करने के आरोप लगाए थे।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) को आपराधिक मामलों में केंद्र के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई से रोकने वाली केंद्र की हालिया अधिसूचना को संदिग्ध करार दिया और कहा कि उपराज्यपाल अपने विवेकाधिकार से काम नहीं कर सकते। उच्च न्यायालय ने कहा कि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार के उपराज्यपाल दिल्ली के नागरिकों द्वारा सीधे तौर पर निर्वाचित मंत्रिापरिषद की सलाह पर काम करने के लिए बाध्य हैं और उनका पक्ष लेने वाला केंद्र का कार्यकारी आदेश संदिग्ध है।