आयोग के खिलाफ उग्र हुए केजरीवाल
उन्होंने परोक्ष रूप से आयोग पर आरोप लगा दिया कि वो केंद्र सरकार से अनुमति लेकर अपने फैसले करता है। केजरीवाल ने सोमवार को मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी को पत्र लिखकर और कई ट्वीट कर हमला बोला। उन्होंने पत्र में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वह (आयोग) कांग्रेस और भाजपा नेताओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए ‘प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की आज्ञा प्राप्ति की चेष्टा और निवेदन’ करेगा। यानी उन्होंने सीधे-सीधे देश के स्वतंत्र चुनाव आयोग पर सरकार के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया। ऐसे में अगर केजरीवाल की पार्टी पंजाब और गोवा में चुनाव हार गई तो आयोग को केजरीवाल की तरफ से पक्षपात के गंभीर आरोपों के लिए भी तैयार रहना चाहिए। अरविंद केजरीवाल ने नसीम जैदी को भेजे पत्र में समाचार पत्रों की क्लिपिंग लगाते हुए कहा है कि रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने गोवा में और कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब में रविवार को ठीक वैसी ही बात कही जिसके लिए आयोग उन पर मुकदमा दर्ज करवा रहा है।
उधर, आयोग इन तमाम बयानों पर नजर रखे हुए है। आयोग ने साफ तौर पर माना है कि जिस तरह केजरीवाल अपनी सभाओं में लोगों से कह रहे हैं कि वे विरोधी पार्टियों से पैसा लें, यह चुनाव आचार संहिता का खुला उल्लंघन है। यह गलत काम के लिए लोगों को उकसाने जैसा है। यह निंदनीय है। आयोग ने अपने पत्रों में पहले ही केजरीवाल को याद दिलाया था कि वह बार-बार समझाने के बावजूद आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं। आयोग ने इस मामले में 16 जनवरी को केजरीवाल को नोटिस जारी कर 19 जनवरी तक सफाई देने को कहा था। चुनाव आयोग के आदेश पर सोमवार को गोवा में उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली गई है। गोवा के मुख्य चुनाव अधिकारी कुणाल ने बताया कि आइपीसी और जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। मापुसा के रिटर्निग अफसर ने चुनाव आयोग के निर्देश पर यह प्राथमिकी दर्ज कराई है।
दूसरी ओर सोशल मीडिया पर अरविंद केजरीवाल के मोगा में खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ) के सदस्य रहे गुरविंदर सिंह की कोठी में रात बिताने का मुद्दा छाया रहा। जैसे ही मामला सुर्खियों में आया तो उन पर देश विरोधी होने के आरोप लगने लगे। कैप्टन अमरिंदर व सुखबीर बादल ने इसे पंजाब की अमन-शांति के खिलाफ बताया। नवजोत सिद्धू ने तो केजरी को काला अंग्रेज तक कह डाला। कैप्टन ने लिखा- ‘केजरीवाल सत्ता हड़पने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। पंजाब की सुरक्षा, स्थिरता व समृद्धि शापित हो गई। ऐसे लोगों से बचें।’ सुखबीर बादल ने लिखा, ‘केजरीवाल व आप का ऐसा आपराधिक कृत्य पंजाब की शांति के लिए खतरनाक सिग्नल है।’ इसके जवाब में आप समर्थक भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने कैप्टन से लेकर बादल तक की खालिस्तान समर्थकों के साथ ली गई पुरानी तस्वीरें पोस्ट कर दी। संजय सिंह ने केजरीवाल के बचाव में सीएम बादल के दो फोटो पोस्ट किए। लिखा, ‘ये आरपी सिंह जी, इनके घर केजरीवाल जी जाते हैं तो सुखबीर इनको आतंकवादी कहते है। प्रकाश सिंह बादल ऑफिशियल मीटिंग करते हैं तो भले इंसान।’ दूसरी तरफ केजरीवाल की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। सुबह से वे फिल्म मेकर विनोद कापरी से लेकर अन्य लोगों से ट्विटर पर भिड़ते देख गए। उन्होंने ट्वीट्स में लिखा, ‘अब समय आ गया जब मीडिया के भ्रष्टाचार पर खुल कर चर्चा हो, नाम ले लेकर चर्चा हो, किसके पास कितनी संपत्ति है, किसका पैसा किस चैनल में लगा है।’ लोगों से पूछा कि जैसे भाजपा कांग्रेस अकाली दल एक दूसरे को बचाते हैं, वैसे मीडिया वाले भी एक दूसरे की दलाली को क्यों बचाते हैं?’