पूर्ण राज्य के लिए केजरीवाल ने जारी किया मसौदा, मिलेंगे पीएम से
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मसौदा विधेयक जारी करते हुए कहा, 30 जून के बाद मसौदे को अंतिम रूप तैयार किया जाएगा और इस संबंध में दिल्ली विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया जाएगा। उन्होंने कहा, हम प्रस्ताव केंद्र को भेजेंगे जिसे संवैधानिक संशोधन लाना होगा। उन्होंने कहा, मसौदा दिल्ली सरकार की वेबसाइट पर डाला जाएगा। इसे पारित करा कर हम कांग्रेस और भाजपा के सपनों को पूरा करना चाहेंगे। हमें दलगत राजनीति से ऊपर उठना होगा। केजरीवाल ने भाजपा और कांग्रेस से मतभेदों से ऊपर उठने का आह्वान किया और भाजपा के पुराने चुनाव घोषणापत्रों को उद्धृत किया जिसमें पार्टी ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने का वादा किया था। केजरीवाल ने कहा कि इस मुद्दे पर एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा, भाजपा ने इस मुद्दे पर सबसे ज्यादा संघर्ष किया है। इस मसौदा पर आमजन के विचार मांग कर हम उनके संकल्प को बस आगे बढ़ा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह मसौदा विधेयक पर समर्थन जुटाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखेंगे और उनसे मुलाकात भी करेंगे। केजरीवाल के साथ उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया भी मौजूद थे। केजरीवाल ने अपने बिंदुओं पर जोर डालने के लिए 1993 से ले कर 2014 तक के भाजपा के चुनाव घोषणापत्रों से उद्धरण पेश किए। उन्होंने इस संबंध में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू समेत भाजपा नेताओं के बयान भी उद्धृत किए। मुख्यमंत्री ने कहा, लाल कृष्ण आडवाणी ने 2003 में संसद में दिल्ली राज्य विधेयक पेश किया था। इसे प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता वाली स्थाई समिति को भेजा गया था जिसने इस विचार का समर्थन किया था। लेकिन किसी कारणवश यह पारित नहीं हो पाया। केजरीवाल ने कहा, किरन रिजिजू ने राज्य के पक्ष में 2006 में बयान दिया था। वीके मल्होत्रा ने 2011 में यह मुद्दा उठाया था। 2013 में अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणियों में भाजपा ने इस संबंध में अपना संकल्प दोहराया था। 25 मई 2014 को हर्ष वर्धन ने कहा था कि नए प्रधानमंत्री के समक्ष वह जो पहला मुद्दा उठाएंगे वह राज्य का दर्जा होगा।