लालू ने शौचालय घोटाले में जांच की मांग की, नीतीश पर जमकर बरसे
राष्ट्रीय जनता दल राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद ने आज राज्य सरकार से पटना जिले में शौचालय निर्माण में हुए घोटाले की अपने स्तर से ठीक ढंग से जांच कराए जाने की मांग करते हुए इसे करोड़ों रुपये के सृजन घोटाले से भी बड़ा बताया। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उन्होंने दावा किया कि अगर राज्य के अन्य जिलों में भी शौचालय निर्माण की जांच की जाए तो इसका आंकड़ा अरबों में पहुंच सकता है।
तथाकथित चारा घोटाले में ई लोग बोलते थे, लालू चारा खा गए। अब शौचालय घोटाले में वो क्या बोलेंगे, नीतीश क्या खा गए? #ToiletScam
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) 4 November 2017
पटना में आज पत्रकारों को संबोधित करते हुए लालू ने आरोप लगाया कि बिहार में हालात दिन प्रतिदिन बद से बदतर होते जा रहे हैं । उन्होंने कहा, मौजूदा मुख्यमंत्री और उनके चेले-चपाटे बोलते थे कि भ्रष्टाचार को लेकर हमारा जीरो टॉलरेंस है।
गत जुलाई महीने में भाजपा के साथ मिलकर बिहार में राजग की सरकार बना लेने पर नीतीश कुमार पल्टू राम की संज्ञा देने वाले लालू ने कहा, पल्टू बाबू भी बोलते थे कि हमारी सरकार पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा है। उंगली पर गिनती की जाए तो इनके राज में भ्रष्टाचार के दर्जनों मामले घटित हो गए सृजन घोटाला, शौचालय घोटाला, महादलित घोटाला, छात्रवृत्ति घोटाला, परीक्षा में टॉपर घोटाला। ये अपनी छवि बनाने में व्यस्त रहे और वहां गरीबों की राशि लुटती रही।
लालू ने कहा कि शौचालय घोटाला पटना के अलावा प्रदेश के अन्य जिलों में भी सामने आ सकता है और इसकी राशि अरबों रुपये में पहुंच सकती है। उन्होंने पूछा कि किस परिस्थिति में शौचालय बनाने का जिम्मा स्वयंसेवी संगठनों के हाथ में सौंपा गया जबकि यह कार्य विभागीय स्तर पर होना चाहिए था। इसकी जांच होनी चाहिए।
लालू ने नीतीश पर प्रहार करते हुए कहा, जब भी कोई बड़ा घपला प्रकाश में आता है तो वे बोलते हैं कि हमने जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति बना दी है । दोषी बख्शे नहीं जाएंगे पर यह बताएं वे कैसे बख्शे जा रहे हैं और शासन के शीर्ष पर कैसे बैठे हुए हैं।
उन्होंने उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी पर भी सृजन घोटाला में संलिप्तता तथा उनकी बहन रेखा मोदी के खाते में राशि हस्तांतरित होने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके विामंत्री रहने के दौरान ही सरकारी राशि बैंक में जमा किए जाने की अनुमति प्रदान की गयी थी ।