नीतीश पर लालू का पलटवार, "पहले से सेट था मामला"
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दिए जाने के बाद आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अपनी बात रखी। उन्होंने नीतीश पर भाजपा और आरएसएस से मिले होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 'ये मामला पहले से ही सेट किया हुआ था'। इसके साथ ही उन्होंने नीतीश पर हत्या और आर्म्स एक्ट का एक केस भी होने की बात कही। इन सबके बावजूद लालू ने कहा कि 'आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस विधायक एक बैठक कर मिलकर अपना नेता (मुख्यमंत्री) चुनें। न नीतीश न तेजस्वी, बल्कि कोई और मुख्यमंत्री बने'।
बिंदुओं में पढ़िए, क्या कहा लालू प्रसाद यादव ने-
- ''कभी नीतीश कुमार ने कहा था कि हम मिट्टी में मिल जाएंगे, लेकिन भाजपा से कभी हाथ नहीं मिलाएंगे। हमने रात को भी नीतीश जी से बात की थी, जिसमें किसी भी गलतफहमी को मिल-बैठकर हल करने की बात कही थी। डिप्टी सीएम तेजस्वी ने भी कहा था कि उनसे कोई इस्तीफा नहीं मांगा गया, बस यह कहा था कि पब्लिक डोमेन में इन आरोपों को लेकर मीडिया को बता दिया जाए, ताकि जनता को बात का पता लगे।''
- ''हमने ये जरूर कहा कि बिहार जदयू के प्रवक्ता सीबीआई या पुलिस नहीं है, जो हमसे लगातार सफाई देने को कह रहे थे। हमने कहा था कि जो कहना होगा वो जनता के सामने कहेंगे ही, जांच एजेंसी के सामने भी कहेंगे।''
- ''ये मामला पहले से ही सेट किया हुआ था। नीतीश कुमार हत्या और आर्म्स एक्ट के एक मामले में आरोपी हैं और तेजस्वी को तो इस बात का पता भी नहीं है। जीरो टॉलरेंस वाले मुख्यमंत्री मेरे छोटे भाई नीतीश कुमार ने चुनाव आयोग को दिए अपने शपथ पत्र में खुद यह जानकारी दी थी। इस मामले में अदालत द्वारा 2009 में नीतीश कुमार पर संज्ञान भी लिया जा चुका है। कौन सा जीरो टोलरेंस... कौन सी ईमानदारी, भ्रष्टाचार के आरोप से बड़ा है अत्याचार।''
- ''नीतीश को यह मालूम हो गया था कि अब हम बचने वाले नहीं है। नीतीश भाजपा और आरएसएस से मिले हुए हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहीं से ट्वीट कर नीतीश को बधाई दे दी। बीजेपी के समर्थन से सरकार बनाने को लेकर पूछे गए सवाल पर नीतीश ने 'ना' नहीं कहा, यानी उन्होंने पूरे पत्ते खोल दिए।''
- ''आपने (नीतीश कुमार) ने इस्तीफा दे दिया, हमको बहुत दुख हुआ। हमने उन्हें इस्तीफा देने के लिए मना किया तो वो बोले कि अब हमसे नहीं चलेगा। अभी तो बस 20 महीने हुए हैं, नीतीश से मेरी अपील है कि आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस के विधायक मिलकर नया नेता चुनें और इस बैठक में न ही नीतीश हों और न ही तेजस्वी लेकिन हमको संदेह है कि आपका सौदा हो चुका है और मैं बिहार की जनता को आगह करना चाहता हूं कि आपकी अपेक्षाओं को दरकिनार किया गया है। उन्होंने गठबंधन से अलग जाकर राष्ट्रपति चुनाव में वोट दिया। हम राज्य को राष्ट्रपति शासन में नहीं धकेलना चाहते हैं। जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस के विधायक मिलकर मुख्यमंत्री का उम्मीदवार चुनें और बड़ी पार्टी होने के नाते हमारा मुख्यमंत्री का दावा बनता है। किसी की गोद में मत खेलिये।''
- ''हम फिर बैठेंगे, हम जल्दबाजी में अभी कुछ काम नहीं करेंगे। नीतीश ने बिहार की जनता को थप्पड़ मार दिया है।''
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि 'इस मामले में पुत्रमोह का सवाल नहीं आता है। जनादेश के बाद तेजस्वी को उप मुख्यमंत्री बनाया गया और लालू से तो डरते ही तेजस्वी से भी सब डर गए। मने साफ है आपसे नहीं चलता तो आप किनारे हट गए।'
महागठबंधन के खत्म होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ही तो इस्तीफा देकर गए हैं। महागठबंधन के सभी विधायक मिल बैठकर अपना नेता यानी मुख्यमंत्री चुनें।