जानबूझ कर मांझी प्रधानमंत्री मोदी का कर रहे हैं विरोध, इस पार्टी ने बताई अंदर की कहानी
बिहार में एनडीए की साझा सरकार के पार्टनर हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी के बयानों को लेकर इन दिनों राजनीति खासी गरमाई हुई है। कहा जाता है कि मांझी अक्सर पब्लिसिटी के लिए बढ़-चढ़ कर बयान देते रहते हैं। हाल में उन्होंने ट्वीट के जरिए सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री के फोटो का विरोध किया है। मांझी ने कहा कि अगर कोरोना टीकाकरण के प्रमाणपत्र पर अपनी तस्वीर छपवाने का इतना ही शौक है तो मृत्यु प्रमाण पत्र पर भी तस्वीर छपवा लेनी चाहिए। उनके इस बयान पर अब चिराग पासवान की पार्टी लोजपा ने कहा है कि मांझी के बयान सिर्फ पब्लिसिटी स्टंट नहीं बल्कि उनकी आगे की रणनीति का चेहरा हैं। माना जा रहा है कि मामले में मांझी अपने मोर्चा के अलावा जदयू के नेताओं की भावना का भी प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
जागरण के मुताबिक, लोजपा की प्रदेश प्रवक्ता सुरभि ठाकुर ने कहा कि मांझी सहूलियत के हिसाब से राजनीति करते हैं। उन्होंने हर खेमे में अपने तंबू लगाए हुए हैं। उनका सियासी वजूद ही समझौते पर टिका है, इसलिए उन्हें सोच-समझ कर ही किसी पर टिप्पणी करनी चाहिए। किसी और पर सवाल खड़े करे यह उनके लिए ठीक नहीं है।
लोजपा प्रवक्ता ने कहा कि मांझी जब जहां फायदा दिखता है, वहां चले जाते हैं। फिर चाहे 2015 में बीजेपी के आगे-पीछे करने की बात हो या नीतीश कुमार से रिश्ते खराब होने के बाद राजद के आगे-पीछे करने की बात या फिर राजद की तरफ से बहिष्कृत होने के बाद दोबारा एनडीए से जुड़ने की या एनडीए में बात बनने के पहले ओवैसी के साथ मीटिंग करने की। उन्होंने कहा कि मांझी नीतीश कुमार को खुश करने के लिए इस तरह की बयानवबाजी कर रहे हैं। वे विधान परिषद और बिहार सरकार में एक और मंत्री पद चाहते हैं। हालांकि उनका ये तरीका काम नहीं आने वाला है क्योंकि वे नीतीश की सियायत को समझने में नाकाम हैं।
बता दें कि मांझी के बयानों के कारण राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इससे पहले भी मांझी ट्वीट के जरिए नीतीश कुमार से बेरोजगारी भत्ता देने की मांग कर चुके हैं। राजद नेता पप्पू यादव की गिरफ्तार को लेकर भी उन्होने खुलकर विरोध जताया था।