नॉर्थ मुंबई सीट से भाजपा नेता के सामने फिर कांग्रेस ने उतारा एक फिल्मी चेहरा
दो दिन पहले ही कांग्रेस का दामन थामने वाली बॉलीवुड एक्ट्रेस उर्मिला मातोंडकर को कांग्रेस ने मुंबई की वीआईपी सीट और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का गढ़ कही जाने वाली नॉर्थ मुंबई की सीट पर उतारा है। कांग्रेस द्वारा इस सीट से उम्मीदवार बनाए जाने के बाद उर्मिला मातोंडकर अब केवल एक अभिनेत्री ही नहीं रह गई हैं बल्कि अब वह एक नेता भी बनने जा रही है।
नॉर्थ मुंबई लोकसभा सीट से गोपाल शेट्टी की टक्कर का कोई नेता नहीं मिलने पर कांग्रेस ने एक बार फिर इस सीट पर फिल्मी चेहरा मैदान में उतारा है। इससे पहले कांग्रेस ने बॉलीवुड एक्टर गोविंदा को 2004 में इस सीट पर उतारा था। वह कांग्रेस के टिकट पर राम नाइक को हराते हुए लोकसभा में पहुंचने में सफल हुए थे। हालांकि इन सबके बीच सवाल यह है कि दो दिन पहले ही कांग्रेस में शामिल हुईं अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर क्या अभिनेता गोविंदा का इतिहास दोहरा पाएंगी?
गोविंदा ने तकरीबन 40 हजार वोटों से राम नाईक के विजय रथ को रोका था
साल 2004 में नॉर्थ मुंबई की सीट से एक तरफ जहां बीजेपी के दमदार नेता राम नाइक थे तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस उम्मीदवार अभिनेता गोविंदा थे। उस समय राजनेता के कामों पर एक अभिनेता की लोकप्रियता भारी पड़ गई थी। गोविंदा ने तकरीबन 40 हजार वोटों से राम नाइक के विजय रथ को रोककर इतिहास रचा था। हालांकि बतौर सांसद गोविंदा का कार्यकाल बेहद चुनौती भरा रहा और वह कार्यकाल के बीच में ही राजनीति से तौबा करके चले गए थे। खास बात है कि राजनीतिक सफर पर विराम के साथ ही गोविंदा के फिल्मी करियर पर भी विराम लग गया था।
एक बार फिर नेता के सामने अभिनेता
कांग्रेस की तरफ से इस सीट पर एक बार फिर फिल्म जगत की शख्सियत को उतारने के बाद फिर वही स्थिति बनती दिख रही है। बस इस बार अंतर इतना है कि राम नाइक की जगह मौजूदा सांसद गोपाल शेट्टी हैं तो गोविंदा की जगह अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर हैं। अब देखना यह है कि मुंबई नॉर्थ की इस महत्वपूर्ण सीट पर अभिनेत्री उर्मिला क्या रंग खिलाती हैं।
अपने सामने उर्मिला को बड़ी चुनौती नहीं मान रहे शेट्टी
पिछली बार चार लाख 46 हजार के भारी अंतर से कांग्रेस के संजय निरुपम को हराने वाले बीजेपी के गोपाल शेट्टी अपने सामने उर्मिला मातोंडकर को कोई बड़ी चुनौती नहीं मान रहे, क्योंकि उत्तर मुंबई लोकसभा क्षेत्र में अब गोविंदा का विरार नहीं है और बचे हुए इलाकों में बीजेपी और शिवसेना के विधायकों और नगरसेवकों की संख्या पहले से कहीं ज्यादा है।
इस सीट का रहा रोचक इतिहास
राजनीतिक सफर में इस सीट(नॉर्थ मुंबई) का बेहद रोचक इतिहास रहा है। आजादी के बाद 1952 में वामपंथी दल सीपीआई ने अमृत डांगे को इस सीट से जीत दिलाई थी। इसके बाद कई अन्य दलों ने इस सीट पर अपना कब्जा जमाया। लेकिन 1989 से लगातार तीन चुनावों में यहां से बीजेपी नेता राम नाइक का कब्जा रहा और वह लगातार 2004 तक यहां से बीजेपी सांसद रहे।