गोडसे पर झुकी शिवराज सरकार, दबाव में करना पड़ा ये फैसला
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हिन्दू महासभा द्वारा गोडसे ज्ञानशाला खोलने को लेकर शिवराज सरकार बैकफुट में आ गई है। कांग्रेस द्वारा महात्मा गांधी के हत्यारें के नाम पर इस तरह का केन्द्र खोले जाने की काफी आलोचना की। उसके बाद ग्वालियर जिला प्रशासन हरकत में आया और गोडसे के नाम पर खोली गई ज्ञानशाला को बंद करवा दिया।
इस ज्ञानशाला की शुरूआत दो दिन पहले 10 जनवरी को ग्वालियर में हिंदू महासभा ने दौलतगंज स्थित अपने दफ्तर में की थी। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने इसको लेकर भाजपा और सरकार पर हमले शुरू कर दिये थे। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह भी इस मामले को लेकर भाजपा को कटघरे में खड़ा कर दिया था। इसके बाद राज्य सरकार से संकेत मिलने के बाद प्रशासन हरकत में आया और उस इलाके में धारा 144 लगा दी।
ग्वालियर के अपर कलेक्टर किशोर कान्याल ने बताया दौलतगंज में इस ज्ञानशाला की जानकारी मिली थी। इसके बाद प्रशासन ने हिंदू महासभा के पदाधिकारियों को नोटिस जारी किया और दौलतगंज इलाके में धारा 144 लगा दी गई है। दूसरी ओर प्रशासन से बात करने के बाद हिंदू महासभा ने गोडसे की ज्ञानशाला को बंद कर दिया है। हिन्दू महासभा का कहना है कि ज्ञानशाला को तो बंद कर दिया है किन्तु महासभा भवन में राष्ट्र भक्तों से प्रेरणास्रोत आयोजन जारी रहेंगे ।
इससे पहले हिंदी दिवस के मौके पर गोडसे ज्ञानशाला की शुरूआत की गई थी। हिन्दू महासभा का कहना था कि नयी पीढ़ी को गौरवशाली इतिहास बताने के लिए ग्वालियर में दौलतगंज स्थित कार्यालय में गोडसे की ज्ञानशाला शुरू की गई है। इस ज्ञानशाला में गोडसे के अलावा राष्ट्र निर्माण करने वाले दूसरे महापुरुषों, गुरु गोविंद सिंह, छत्रपति शिवाजी, महाराणा प्रताप, डॉ. हेडगेवार, पंडित मदन मोहन मालवीय से जुड़ा इतिहास भी बताया जायेगा।