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23 November 2016

नोटबंदी के खिलाफ प्रदर्शन: ममता को मिला जदयू, सपा, आप, राकांपा का समर्थन

गूगल

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर लोगों को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि उंचे मूल्य के नोटों का अमान्य किए जाने के फैसले से लोगों को परेशानी हो रही है और किसान, युवा, महिला, श्रमिक एवं व्यापारियों सहित समाज के लगभग हर तबके के लोकतांत्रिक अधिकार छीन लिए गए। साथ ही इस फैसले से देश की आर्थिक प्रगति ठहर गई। ममता ने भाजपा नीत सरकार पर आम आदमी को लूटने का आरोप लगाया और इस बात पर आश्चर्य जताया कि स्विस बैंक में खाता रखने वालों के खिलाफ क्यों कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने आगाह किया कि काला कानून लागू करने के लिए लोग आगामी विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ पार्टी को अच्छा सबक सिखाएंगे। ममता ने कहा, मैं चुनौती दे सकती हूं कि कोई भी भाजपा को मत नहीं देगा। अगर मैं आपकी जगह पर प्रधानमंत्री होती तो मैं लोगों से माफी मांगती। आपको इतना अहं क्यों है? आपने देश में हर किसी को कालाबाजारी बता दिया है और आप खुद एक संत में बदल गए हैं।

जदयू नेता शरद यादव ने अपने संबोधन में नोटबंदी कवायद की वैधता पर सवाल खड़े किए और प्रधानमंत्री को चुनौती दी कि वह संसद को बताएं कि इस फैसले से किस प्रकार देश को फायदा होगा। यादव ने कहा, आपने किस कानून के तहत यह कदम उठाया? आप एक व्यक्ति को अपनी मेहनत से अर्जित की गई कमाई निकालने से रोक रहे हैं जो उसका मौलिक अधिकार है। नोटबंदी से छोटे कारोबारियों का कारोबार चौपट हो गया है। आप संसद में आइए और स्पष्ट कीजिए कि किस प्रकार इससे काले धन पर काबू लगेगा। प्रदर्शन के दौरान यादव की मौजूदगी अहम है क्योंकि उनकी पार्टी ने नोटबंदी का समर्थन किया है। विरोध प्रदर्शन को सपा के धर्मेंद्र यादव, आप के राघव चड्ढा और राकांपा के माजिद मेनन ने भी संबोधित किया। ममता ने लोगों के उस समूह पर भी निशाना साधा जो मोदी के समर्थन में नारे लगा रहे थे। उन्होंने कहा कि उन लोगों को उनकी जनसभा को बाधित करने के लिए भेजा गया। उन्होंने आश्चर्य जताया कि पुलिस के साथ प्रशासन क्या कर रहा है।

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता ने कहा कि उनकी लड़ाई उस समय तक जारी रहेगी जबतक कि लोगों की समस्या दूर नहीं हो जाती। उन्होंने कहा कि वह नोटबंदी के खिलाफ विपक्षी दलों के 28 नवंबर के देशव्यापी प्रदर्शन का समर्थन करेंगी। नोटबंदी के खिलाफ ममता ने पिछले हफ्ते दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ एक रैली को संबोधित किया था। ममता ने कहा कि सरकार की पूरी विश्वसनीयता समाप्त हो गई है और नोटबंदी के कारण जीडीपी में भी खासी कमी आ सकती है। ममता ने आरोप लगाया कि नोटबंदी के कारण देश में आजादी के पहले का सामंती दौर वापस आ गया है और लोग नकदी पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने आशंका जतायी कि सरकार की नजर अब सोना, जमीन और अन्य संपत्तियों की ओर जा सकती है। ममता ने कहा कि वह आम नागरिकों के लिए संघर्ष करती रहेंगी। उन्होंने कहा, मुझे किसी सरकार से भय नहीं है। आप मुझे जेल में डाल दीजिए, मैं तब भी भयभीत नहीं होउंगी। मेरी लड़ाई जारी रहेगी।

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OUTLOOK 23 November, 2016
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