ममता ने भाजपा पर लगाया बंगाल में विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप, कहा- न फंसे सहयोगी पार्टी के जाल में
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर राज्य में विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने मुसलमानों से हैदराबाद की भाजपा समर्थित और उसकी बंगाल की सहयोगी पार्टियों के जाल में न फँसने का आह्वान किया, जो वोटों के ध्रुवीकरण के लिए घूम रही हैं।
ममता बनर्जी शनिवार को एक जन सभा में कहा कि भाजपा ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) और भारतीय धर्मनिरपेक्ष मोर्चा (आईएसएफ) को विभाजनकारी राजनीति में भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया है।
तृणमूल प्रमुख ने कहा, “ हिंदुओं और मुसलमानों को विभाजित करने के लिए ऐसी पाटिर्यों को भाजपा द्वारा पैसा दिया जा रहा है। यदि आप विभाजित नहीं होना चाहते हैं और एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) नहीं चाहते हैं तो उन्हें वोट न दें। मेरा दावा है कि अगर उन्हें राज्य की सत्ता सौंपी जाती है तो भाजपा राज्य में नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) और (एनआरसी) को लागू कर देगी और कई नागरिकों को राज्य छोड़ने के लिए मजबूर करेगी। अगर आप ममता को चाहते हैं तो टीएमसी के लिए वोट दें। यह दिल्ली का नहीं, बल्कि बंगाल का चुनाव है।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “ राईडिघी के विधायक और अभिनेता देबश्री रॉय पार्टी की तरफ से इस सीट से टिकट न मिलने के बाद भाजपा में शामिल हुए। हम अपनी पार्टी में ऐसे अवसरवादियों को शामिल नहीं करते हैं। सुंदरबन में आधारभूत संरचनाओं का विकास हुआ है। राज्य सरकार ने मात्र पांच रुपये में अंडा भोजन देने की पहल की है और इस क्षेत्र में स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) में शामिल महिलाएं इससे जुड़ी हुई हैं। हम राईडिघी के हर घर में पानी पहुंचाने का वादा करते हैं। सरकारी अस्पतालों और निजी नर्सिंग होम में भी जल्द मुफ्त चिकित्सा सेवा शुरू की जाएगी।”