उपचुनाव की जीत से ममता को मिला बल
दिल्ली विधानसभा चुनाव की हार का असर भाजपा को अब दिखने लगा है। लेकिन खतरे की घंटी वामदलों के लिए है जिनका वोट प्रतिशत तो घटा ही है साथ ही पार्टी तीसरे नंबर पर खिसक गई है। जीत के बाद ममता ने कहा कि जनता ने दिखा दिया कि वह किसी की छलावे में आने वाले नहीं है।
ममता इस जीत से काफी उत्साहित हैं क्योंकि भारतीय जनता पार्टी राज्य में लगातार अपना जनाधार बढ़ाने और तृणमूल कांग्रेस को घेरने का प्रयास करती रही है। ऐसे में उपचुनाव में मिली जीत ने ममता के उत्साह को दोगुना कर दिया है। शारदा घोटाले में तृणमूल कांग्रेस के नेताओं का नाम आने के बाद भाजपा लगातार राज्य सरकार पर हमले करती रही है। ऐसे में कहा जा रहा था कि ममता का जनाधार कम हो रहा है लेकिन इस जीत ने तृणमूल कांग्रेस के जनाधार को बरकरार रखा है।
भाजपा के लिए बड़ा खतरा है कि राज्यों में पांव पसारने की जुगत कर रही पार्टी को अब भी बहुत मेहनत करने की जरुरत है। क्योंकि क्षेत्रीय दल अभी भी मजबूती से जनता के बीच अपनी पकड़ बनाए हुए हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि क्षेत्रीय दलों का उभार अभी देश में बना रहेगा। अभी राष्ट्रीय पार्टियों कांग्रेस और भाजपा को इन दलों से निपटना आसान नहीं होगा।