ईवीएम से खेड़छाड़ के खिलाफ कोर्ट जाएंगी माया
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में पार्टी की करारी हार की समीक्षा के लिए बुलाई गई बैठक के दौरान बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि चुनाव आयोग ने 11 मार्च को नतीजे घोषित होने के बाद हमारी शिकायत पर उचित जवाब नहीं दिया है। पार्टी ने इस मामले में अब अदालत जाने का फैसला किया है ताकि देश को भविष्य में इस तरह की धोखाधड़ी से बचाया जा सके और लोकतंत्र की रक्षा की जा सके।
मायावती ने कहा कि बसपा इस धोखाधड़ी का पर्दाफाश करने के लिए उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में आंदोलन करेगी। पार्टी हर महीने की 11 तारीख को उत्तर प्रदेश तथा अन्य प्रदेशों के राज्य मुख्यालयों पर काला दिवस मनाएगी। इस कड़ी में पहला प्रदर्शन 11 अप्रैल को होगा।
बसपा नेता ने 11 मार्च को विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के तुरंत बाद आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। उनका कहना है कि बेईमानी से हासिल की गई जीत को छिपाने के लिए भाजपा अब कह रही है कि अगर ईवीएम में गड़बड़ी होती तो वे पंजाब, गोवा और मणिपुर में भी वैसा ही कर देते।
मायावती ने कहा कि भाजपा को जनता को इतना भोला नहीं समझना चाहिए। अगर वे अन्य राज्यों में भी ऐसा ही करते तो जनता की ओर से उठने वाले सवालों का उचित जवाब देने की स्थिति में नहीं होते और आसानी से पकड़ में आ जाते। भाजपा ने छोटे राज्यों में ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं की क्योंकि उन्हें अपने बचाव के लिए भी कुछ चाहिए था।
मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह कहती थी कि केंद्र का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है इसलिए भाजपा ने इसी पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने (भाजपा) ईवीएम में गड़बड़ी करके जीत हासिल की और यह जीत बेईमानी, धोखाधड़ी और लोकतंत्र की हत्या कर हासिल की गई है।
उन्होंने कहा कि पार्टी के लोग कह रहे हैं कि उन्होंने बसपा के लिए वोट किया लेकिन हमारे वोट कमल में कैसे जुड़ गए, उन्हें हैरत है कि ऐसा कैसे हो सकता है।
मायावती ने कहा कि मुस्लिम और दलित बहुल इलाकों में भी भाजपा को वोट मिले। भाजपा कहती है कि तीन तलाक मुद्दे पर उसे मुसलमान महिलाओं का वोट मिला है जबकि सच्चाई ये है कि भाजपा ने एक भी मुसलमान को टिकट नहीं दिया। अगर भाजपा मुस्लिम महिलाओं की शुभचिंतक होती तो वह कम से कम 20 से 25 टिकट मुसलमानों को देती।
उन्होंने कहा कि भाजपा का अगर ईवीएम से छेड़छाड़ से इनकार करने का कोई आधार है और अगर वह वाकई ईमानदार और लोकतंत्र के प्रति निष्ठावान है तो उसे बसपा के आरोपों से भागना नहीं चाहिए और तत्काल नए सिरे से बैलेट पेपर के जरिए चुनाव कराने चाहिए। इससे साबित हो जाएगा कि लोकतंत्र की हत्या किसने की है।
पार्टी संस्थापक कांशीराम को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मायावती ने याद दिलाया कि कांशीराम ने अनुसूचित जाति-जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों को सत्ता से दूर रखने के प्रयासों को लेकर आगाह किया था। (एजेंसी)