सीट बंटवारे को लेकर तय हुआ फॉर्मूला, यूपी में 37-37 सीटों पर लड़ेंगी सपा-बसपा!
आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) के बीच गठबंधन को लेकर मोटे तौर पर सहमति बन गई है। सपा और बसपा दोनों 37-37 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेंगे जबकि छह सीटें रालोद और अन्य दलों के लिए छोड़ी जाएंगी।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को बसपा प्रमुख मायवाती से दिल्ली में उनके निवास पर मुलाकात की। देर शाम करीब डेढ़ घंटे की मीटिंग के बाद दोनों नेता सीट-बंटवारे के फॉर्मूले को अंतिम रूप देने के करीब पहुंच गए हैं। हालांकि इस बारे में दोनों ही दलों की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
रालोद और अन्य के लिए छोड़ी छह सीटें
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से दोनों पार्टियां 37-37 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगी जबकि बाकी सीटों को राष्ट्रीय लोकदल और अन्य पार्टियों के लिए छोड़ा जाएगा।
दोनों पार्टियों ने यह फैसला कर लिया है कि किस-किस लोक सभा सीट पर किस पार्टी का प्रत्याशी होगा। बराबर-बराबर सीटों पर प्रत्याशी उतारने के पीछे बताया जा रहा है कि दोनों पार्टियां चाहती हैं कि किसी तरह का कोई विवाद न हो।
कांग्रेस गठबंधन में नहीं
साथ ही दोनों के बीच इस बात पर भी सहमति बनी है कि कांग्रेस को इस गठबंधन से दूर रखा जाएगा, लेकिन दोनों दलों ने इस पर भी सहमति जताई है कि कांग्रेस को दो लोकसभा सीटों पर राहत दी जाएगी। यानी कांग्रेस का गढ़ कही जाने वाली दो सीटों अमेठी और रायबरेली में सपा-बसपा अपने-अपने प्रत्याशी नहीं उतारेगी।
पिछली बार अटक रही थी बात
पिछले दिनों हुए लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव में सपा-बसपा गठबंधन को मिली जीत को देखते हुए यह तय माना जा रहा था कि दोनों पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ेंगी, लेकिन सीट को लेकर बात अटक रही थी। मौजूदा परिस्थितियों और पिछले उपचुनाव के नतीजों को देखें, तो सपा-बसपा के बीच गठबंधन होना तय था और अब इससे भाजपा को नुकसान होना तय माना जा रहा है।